ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश में एक हजार लीटर का पीएसए (PSA) ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है. इसका उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीर्थनगरी पहुंचे थे. इस दौरान पीएम ने देवभूमि की प्रशंसा की. सरकार को बधाई दी. सैनिकों का जिक्र किया, लेकिन कोरोना काल में अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टरों का सम्मान करना शायद भूल गए.
एम्स निदेशक को नहीं मिला स्थान: पीएम डॉक्टरों को इस कदर भूले की मंच पर एम्स के निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी तक को स्थान नहीं दिया गया. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में निदेशक का नाम तक नहीं लिया. हालांकि, पीएम ने उत्तराखंड के दूर-दराज क्षेत्रों में वैक्सीन पहुंचाने पर मेडिकल टीम की प्रशंसा जरूर की.
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संस्थान को ही रखा दूर-दूर: एक हजार लीटर के पीएसए (PSA) ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने के लिए बकायदा दिल्ली से ऋषिकेश एम्स पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने रिबन काटकर प्लांट का उद्घाटन किया. लेकिन जिस स्थान पर यह प्लांट लगाया गया और इस प्लांट का उपयोग जो संस्थान करेगा उसी को मंच से दूर रखा गया.
डॉक्टरों में निराशा: जिस तरह ऑक्सीजन प्लांट्स उद्घाटन के लिए एम्स ऋषिकेश को चुना गया और जैसी तैयारियां चल रही थीं, उसे देखकर यही लग रहा था कि ये कार्यक्रम डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का उत्साहवर्धन करने के किए ही एम्स में किया जा रहा है. लेकिन कार्यक्रम में डॉक्टरों की उपेक्षा होती हुई नजर आई.
सुरक्षा बताई जा रही वजह: बताया जा रहा है कि सुरक्षा के मद्देनजर एम्स निदेशक को मंच पर स्थान नहीं दिया गया. लेकिन संबोधन के दौरान तो उनका और उनकी टीम का उत्साहवर्धन किया जा सकता था. एम्स के डॉक्टरों में भी इस बात को लेकर काफी हताशा है.
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कांग्रेस बोली- BJP ने फायदे के लिए कराया आयोजनः पीएम मोदी द्वारा अपने संबोधन में एम्स डॉक्टरों का जिक्र नहीं करने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि यह विडंबना है कि प्रचंड बहुमत देने के बाद भी उत्तराखंड की झोली खाली रही. पीएम मोदी उत्तराखंड की जनता को मायूस करके गए. गरिमा ने कहा कि इस कोरोना काल में ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों ने दिन-रात मरीजों की सेवा की. उस एम्स ऋषिकेश में कार्यक्रम होने के बावजूद भी पीएम मोदी ने डॉक्टरों के लिए एक शब्द नहीं कहा. यहां तक कि एम्स के निदेशक को मंच में जगह तक नहीं दी गई. इससे पता चलता है भाजपा ऋषिकेश एम्स में अपने फायदे के लिए आयोजन करवा रही थी.
एम्स को एक राजनीतिक मंच बनायाः कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने कहा कि जब प्रधानमंत्री किसी राज्य में जाते हैं तो वहां की जनता को उम्मीद रहती है कि प्रधानमंत्री जरूर कोई बड़ी सौगात राज्य को देकर जाएंगे. लेकिन पीएम मोदी ने ऐसा कुछ नहीं किया. यहां तक कि पीएम मोदी ने एम्स के कार्यक्रम में एम्स के निदेशक का नाम तक नहीं लिया. इसके अवाला एम्स के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ जिन्होंने इस कोरोना काल में अपनी जान पर खेलकर उनकी जान बचाने का काम किया, उनके लिए एक शब्द नहीं कहा. सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट बनाकर उनका श्रेय लिया जा रहा है. राजपाल खरोला ने कहा पीएम मोदी ने एम्स को एक राजनीतिक मंच बनाया.
आप बोली- जनता के प्रति नहीं, सत्ता के प्रति सोचः आप के प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने कहा कि एम्स के कार्यक्रम में एम्स निदेशक और डॉक्टरों के लिए मंच पर कोई जगह नहीं थी. लेकिन अगर अभी चुनाव होते हैं तो पीएम मोदी 2019 की तरह फिर गुफा में जाकर बैठक जाएंगे. लेकिन एम्स निदेशक और डॉक्टरों को मंच पर जगह न देकर ये साबित होता है कि इनकी सोच सिर्फ और सिर्फ सत्ता के प्रति है, जनता के प्रति नहीं है.
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आपको बता दें कि मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राज्यपाल रिटायर्ड जनरल गुरमीत सिंह, सीएम पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को स्थान दिया गया था.