ऋषिकेशः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आई बैंक में अक्टूबर माह में मृत्यु उपरांत 12 लोगों के नेत्र दान किए गए. संस्थान में नेत्र कोष की स्थापना के बाद से बीते दो महीनों में 23 लोग दान कर चुके हैं जबकि अब तक अंधेपन से ग्रस्त 24 लोगों को सफलतापूर्वक कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जा चुका है.
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि भारत देश में अंधेपन (कॉर्निया) की समस्या से ग्रसित लोगों की संख्या में हर साल लगभग 50 हजार लोगों की बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है.
ऐसे में नेत्रदान के संकल्प के बिना कॉर्निया (अंधेपन) की समस्या को समाप्त कर पाना मुमकिन नहीं है. प्रो. रवि कांत ने बताया कि नेत्रदान के प्रति जागरुकता से ही अंधता से ग्रसित लोगों की समस्या का समाधान हो सकता है.
इसी लिहाज से एम्स संस्थान लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरुक करने को लेकर लगातार अभियान चला रहा है. एम्स निदेशक ने बताया कि ग्रसित मरीजों की कॉर्निया संबंधी समस्याओं के निदान के उद्देश्य से संस्थान में इसी वर्ष 26 अगस्त को आई बैंक (नेत्र कोष) की स्थापना की जा चुकी है.
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संस्थान द्वारा नेत्र कोष के माध्यम से नेत्रदान करने वाले लोगों के कॉर्निया जरुरतमंदों को प्रत्यारोपित कर उनके जीवन को रोशन करने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम सभी को नेत्रदान को लेकर जागरुक होने की जरुरत है, तभी हम समाज को अंधता के अभिशाप से मुक्ति दिलाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
अक्टूबर माह में कुल 12 लोगों के कॉर्निया प्राप्त हुए चिकित्सकों ने लोगों से अपील की है कि नेत्रदान करने के इच्छुक व्यक्ति एम्स ऋषिकेश के आई बैंक में दूरभाष संख्या 0135-2460835 व 09068563883 पर संपर्क कर सकते हैं.