देहरादून: कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने यमुना कालोनी स्थित आवास पर नैनो यूरिया तरल की वर्चुअल बैठक में मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण विषय पर चर्चा की. बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि नैनो यूरिया का उत्पादन उत्तराखंड की कृषि के लिए वरदान साबित होने जा रहा है.
आपको बता दें कि इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) द्वारा निर्मित नैनो यूरिया (तरल) को लेकर वर्चुअल बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि नैनो यूरिया की खोज उत्तराखंड की मृदा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. विश्व में इफको ने तरल नैनो यूरिया बिक्री में पहला पेटेंट प्राप्त किया. जिसके माध्यम से यूरिया को तरल रूप में लाया गया.
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कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह प्रयास आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में कार्य करेगा. तरल रूप में 500 मिली, नैनो यूरिया 45 किलो यूरिया के बराबर कार्य करेगा. इस उत्पाद के आने से यूरिया का उपयोग कम होगा और यूरिया उर्वरक पर दी जाने वाली सब्सिडी में भी बचत होगी.
उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए नैनो यूरिया उत्पादकों और कृषकों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा. इससे कृषकों की लागत में कमी आएगी और सरकार पर यूरिया उत्पादन का दबाव कम होगा. आज उत्तराखंड के कृषकों के लिए नैनो यूरिया का पहला ट्रक रवाना किया गया.
मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि नैनो यूरिया (तरल) फसल उत्पादकता बढ़ाता है और पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को कम करता है. इसके अलावा नैनो यूरिया (तरल) के उपयोग से उपज, बायोमास, मृदा स्वास्थ्य और उत्पाद की पोषण गुणवत्ता में सुधार होता है.