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कृषि मंडी समिति को व्यापारी 30 साल से नहीं दे रहे थे किराया, सख्ती के बाद जमा करने लगे बकाया

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Published : Oct 14, 2022, 11:06 AM IST

Updated : Oct 14, 2022, 11:25 AM IST

कृषि उत्पादन मंडी समिति (Agricultural Produce Market Committee) में लाइसेंस धारी आढ़तियों के द्वारा 30 वर्षों से एक करोड़ से अधिक का बकाया भुगतान मंडी समिति को नहीं किया जा रहा था. वहीं इस बार सख्ती दिखाने पर लाइसेंस धारक व्यापारी बकाया भुगतान करने लगे हैं.

Rishikesh
ऋषिकेश कृषि उत्पादन मंडी समिति

ऋषिकेश: कृषि उत्पादन मंडी समिति (Agricultural Produce Market Committee) में लाइसेंस धारी आढ़तियों के द्वारा 30 वर्षों से एक करोड़ से अधिक का बकाया भुगतान मंडी समिति को नहीं किया जा रहा था. नए सचिव ने जब सख्ती से कार्रवाई अमल में लाई तो मंडी के खाते में बकाया भुगतान जमा होना शुरू हो गया है.

ऋषिकेश कृषि उत्पादन मंडी समिति में लगभग 167 लाइसेंस धारक व्यापारी (Rishikesh Licensed Trader) हैं, जिन्हें मंडी समिति ने दुकान उपलब्ध करवायी हुई हैं. मंडी समिति को किराए के रूप में मिलने वाले पैसे से राजस्व प्राप्त होता है, जिससे कर्मचारियों के वेतन सहित कई तरह के खर्च वहन किए जाते हैं. लेकिन मंडी समिति में कई व्यापारी पिछले कई वर्षों से मनमानी कर रहे थे और मंडी समिति को किराया नहीं दे रहे थे. 30 वर्षों से बकाया किराए 1 करोड़ 5 लाख रुपए तक पहुंच गया. पूर्व में कई अधिकारी रहे लेकिन कोई भी व्यापारियों से किराया वसूलने में सफल नहीं हुआ और व्यापारियों की मनमानी जारी रही.

सख्ती के बाद जमा करने लगे बकाया
पढ़ें-पेंशनरों को निशाना बना रहे साइबर ठग, फर्जी कॉल से सावधान रहने की जरूरत

लेकिन इस बार ऋषिकेश कृषि मंडी उत्पादन समिति के उप महाप्रबंधक (विपणन)/सचिव ने कार्यभार संभालने के बाद व्यापारियों पर सख्ती दिखाई तो बकाया किराया मिलना भी शुरू हो गया. विपणन बोर्ड के उप महाप्रबंधक एवं ऋषिकेश मंडी समिति के सचिव विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि 1992 से अभी तक कई व्यापारियों के द्वारा मंडी समिति को किराया नहीं दिया जा रहा था. किराये की बकाया रकम 1 करोड़ 5 लाख रुपए हो गई थी. इस बार व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए नोटिस जारी किये गये. लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई के डर से व्यापारियों ने किश्तों में किराया जमा करना शुरू कर दिया है. अभी तक 23 लाख रुपए के आसपास की रकम मंडी समिति को प्राप्त हो चुकी है.

ऋषिकेश: कृषि उत्पादन मंडी समिति (Agricultural Produce Market Committee) में लाइसेंस धारी आढ़तियों के द्वारा 30 वर्षों से एक करोड़ से अधिक का बकाया भुगतान मंडी समिति को नहीं किया जा रहा था. नए सचिव ने जब सख्ती से कार्रवाई अमल में लाई तो मंडी के खाते में बकाया भुगतान जमा होना शुरू हो गया है.

ऋषिकेश कृषि उत्पादन मंडी समिति में लगभग 167 लाइसेंस धारक व्यापारी (Rishikesh Licensed Trader) हैं, जिन्हें मंडी समिति ने दुकान उपलब्ध करवायी हुई हैं. मंडी समिति को किराए के रूप में मिलने वाले पैसे से राजस्व प्राप्त होता है, जिससे कर्मचारियों के वेतन सहित कई तरह के खर्च वहन किए जाते हैं. लेकिन मंडी समिति में कई व्यापारी पिछले कई वर्षों से मनमानी कर रहे थे और मंडी समिति को किराया नहीं दे रहे थे. 30 वर्षों से बकाया किराए 1 करोड़ 5 लाख रुपए तक पहुंच गया. पूर्व में कई अधिकारी रहे लेकिन कोई भी व्यापारियों से किराया वसूलने में सफल नहीं हुआ और व्यापारियों की मनमानी जारी रही.

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लेकिन इस बार ऋषिकेश कृषि मंडी उत्पादन समिति के उप महाप्रबंधक (विपणन)/सचिव ने कार्यभार संभालने के बाद व्यापारियों पर सख्ती दिखाई तो बकाया किराया मिलना भी शुरू हो गया. विपणन बोर्ड के उप महाप्रबंधक एवं ऋषिकेश मंडी समिति के सचिव विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि 1992 से अभी तक कई व्यापारियों के द्वारा मंडी समिति को किराया नहीं दिया जा रहा था. किराये की बकाया रकम 1 करोड़ 5 लाख रुपए हो गई थी. इस बार व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए नोटिस जारी किये गये. लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई के डर से व्यापारियों ने किश्तों में किराया जमा करना शुरू कर दिया है. अभी तक 23 लाख रुपए के आसपास की रकम मंडी समिति को प्राप्त हो चुकी है.

Last Updated : Oct 14, 2022, 11:25 AM IST
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