देहरादून: दून डीएफओ कार्यालय में तैनात चालक ने बीते रोज आत्महत्या करने का प्रयास किया. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उपनलकर्मी के इस कदम से हड़कंप मच गया. इसके बाद उपनल महासंघ ने भी हल्ला बोल दिया. उपनल महासंघ ने कहा कि उन्हें बीते दो महीने से वेतन नहीं मिला है, जिसके कारण सभी परेशान हैं और इसी कारण एक उपनलकर्मी ने ऐसा कदम उठाया. इस घटना के बाद आज उपनल महासंघ के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में विभिन्न विभागों में तैनात उपनल कर्मचारियों ने डीएफओ कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए आक्रोश व्यक्त किया.
महासंघ संयोजक महेश भट्ट ने बताया कि, डीएफओ कार्यालय में तैनात रहे चालक को बीते कई महीनों से वेतन नहीं मिल रहा था, जिसके कारण उसने आत्महत्या करने की कोशिश की. इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर संबंधित विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि उपनल कर्मचारियों को अन्य विभागों में भी इसी प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ उन्हें प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
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महेश भट्ट ने कहा त्योहारी सीजन होने के बाद भी कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति के कारण आज कर्मचारी आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर हो गए हैं. पूर्व में मद 8 से पहले सभी कर्मचारियों का वेतन आहरण (Withdrawal) हुआ करता था, लेकिन प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण आनंद वर्धन ने जुलाई में मद 27 से वेतन आहरण किए जाने का शासनादेश जारी किया. इस कैटेगरी में आने वाले पर्यावरण मित्र, सुरक्षा कर्मी और मालियों को ही वेतन आहरण किया जाएगा, जबकि अन्य लोगों का वेतन आहरण नहीं किया जाएगा. उपनल महासंघ ने कहा आज इतने वर्षों बाद विभाग, शासन प्रशासन को इसकी याद आती है कि यह कर्मचारी अधिक संख्या में लगे हुए हैं.
वहीं, महासंघ के प्रदर्शन के दौरान देहरादून डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे. उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ डीएफओ से वार्ता की. साथ ही उन्होंने शीघ्र मांगों के संदर्भ में समाधान निकाले जाने का आग्रह किया.
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