विकासनगर: जौनसार बावर के मोहना गांव में 37 वर्ष बाद 23 नवंबर को चालदा देवता प्रवास पर आएंगे. जौनसार बावर के नवनिर्मित मंदिर में 37 साल बाद चालदा देवता एक साल के प्रवास पर आएंगे. गांव में प्रवास को देखते हुए नवनिर्मित मंदिर में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा की गई. मोहना गांव के साथ सात खत पट्टी के लोगों ने देर रात मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर हवन पूजन किया. इस दौरान मोहना गांव देवता के जयकारों से गुंजायमान रहा.
बता दें कि हिमाचल से जौनसार बावर प्रवास के लिए आए चालदा महाराज पिछले 1 वर्ष से कोटि गांव में विराजमान हैं, जिसके बाद उनका 1 वर्ष का प्रवास मोहना गांव में होना है. महाराज के आगमन के लिए ग्रामीण पिछले 2 वर्षों से मंदिर के निर्माण में लगे हुए थे, जिसका निर्माण कुछ दिन पहले ही पूरा हो चुका है. सोमवार रात्रि को कोटी गांव से आए चालदा महाराज और हनोल से आए महासू महाराज के डोरिया और निशान होना गांव पहुंचे.
नवनिर्मित मंदिर में विधिपूर्वक प्राण-प्रतिष्ठा की गई. इस दौरान पूरा मोहना गांव देवता के जयकारों से गुंजायमान रहा. ग्रामीणों ने बताया कि चालदा महाराज के गांव में आने से अत्यंत खुश हैं. उनके लिए ये बहुत बड़ी खुशी है कि महाराज से 30 साल बाद गांव के नवनिर्मित मंदिर में विराजेंगे. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान वजीर दीवान सिंह, आर्किटेक नरेश चौहान, जगबीर सिंह, जगत सिंह, शूरवीर सिंह आदि मौजूद रहे.
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वहीं, मोहना खत पट्टी के स्याना मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि नवनिर्माण मंदिर में सोमवार की रात को पूजा-अर्चना के बाद प्राण प्रतिष्ठा की गई. सात पट्टी के गांव के लोग ज्यादा महाराज की पूजा अर्चना करते हैं. 23 नवंबर को चालदा महासू देवता का आगमन मोहना गांव में होना है.
चलदा देवता के वजीर बरफ सिंह चौहान ने बताया कि 2 वर्षों से देवता के नवनिर्माण मंदिर का कार्य चल रहा था. पूरे सात खत पट्टियों के गांव के सहयोग से मंदिर पूर्ण हो चुका है. सभी लोगों ने दिल जान से मंदिर को पूर्ण करने में रात दिन एक कर दिया है. सोमवार रात को विधिपूर्वक हवन पूजन किया गया. 23 नवंबर को देवता का आगमन मोहना गांव में होगा, जिनका सभी ग्रामीण स्वागत करेंगे.