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मसूरी शिफन कोर्ट में अतिक्रमण हटाने पहुंचा प्रशासन, लोगों ने जताया विरोध

शिफन कोर्ट में 89 परिवारों का अतिक्रमण है. जिसे प्रशासन ने 10 सितंबर तक खाली करने का समय दिया. जिसके तहत 64 परिवारों ने शपथ-पत्र देकर अतिक्रमण हटाने की बात ही थी. इसी बीच कुछ लोग प्रशासन के खिलाफ जाकर नैनीताल हाई कोर्ट में अपील करने पहुंच गए हैं. ऐसे में प्रशासन की टीम अतिक्रमण को ध्वस्त करने पहुंची है.

मसूरा
मसूरी शिफन कोर्ट में प्रशासन पहुंचा अतिक्रमण हटाने
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Published : Aug 27, 2020, 6:42 PM IST

मसूरी: शिफन कोर्ट के अचानक अतिक्रमण क्षेत्र को खाली करने के आदेश के शिफन बाद कोर्ट में मौजूद लोगों में हलचल मच गई. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा उनको 10 सितंबर तक का समय खाली करने का दिया गया है. ऐसे में अचानक गुरुवार को दोपहर बाद नगर पालिका प्रशासन की टीम द्वारा अनाउंसमेंट पर तुरंत सरकारी जमीन पर कब्जा किए गए मकानों को खाली करने का नोटिस दिया है.

गौरतलब है कि शिफन कोर्ट में 89 परिवार अतिक्रमण कर रहे है. जिसे प्रशासन ने 10 सितंबर तक खाली करने का समय दिया. जिसके तहत 64 परिवारों ने शपथ-पत्र देकर अतिक्रमण खाली करने की बात स्वीकार की थी. इसी बीच कुछ लोग प्रशासन के खिलाफ जाकर नैनीताल हाई कोर्ट में जमीन खाली ना करवाए जाने को लेकर अपील कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन की टीम भी अब मौके पर हुए अतिक्रमण को हटाने पहुंची है.

वहीं, प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि जब प्रशासन को उनके द्वारा 10 सितंबर तक अपने कब्जे को खाली करने का शपथ पत्र दे दिया गया है, तो ऐसे में एकाएक कार्रवाई का क्या औचित्य है. उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई होती है तो प्रशासन और पुलिस को उनकी लाशों के ऊपर से गुजर कर जाना होगा.

ये भी पढ़े: कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय खत्म होने की कगार पर, एसोसिएशनों ने जताई चिंता

शिफन कोर्ट में निवास कर रहे अनुज शाह ने बताया कि प्रशासन द्वारा उनको 10 सितंबर तक का समय खाली करने के लिए दिया गया था. परंतु एकाएक उनको मकान खाली करने के लिए कहा जा रहा है, जिसका वह पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनको नहीं मालूम की शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों की ओर से उच्च न्यायालय मे याचिका किसने डाली है.

उन्होंने कहा कि कुछ लोग सिर्फ रिपोर्ट को लेकर राजनीति कर रहे हैं. जिसका खामियाजा गरीब और मजदूर लोगों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वह किसी भी हाल में 10 सितंबर से पहले अपने मकानों को खाली नहीं करेंगे, चाहे इसका अंजाम कुछ भी हो.

मसूरी: शिफन कोर्ट के अचानक अतिक्रमण क्षेत्र को खाली करने के आदेश के शिफन बाद कोर्ट में मौजूद लोगों में हलचल मच गई. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा उनको 10 सितंबर तक का समय खाली करने का दिया गया है. ऐसे में अचानक गुरुवार को दोपहर बाद नगर पालिका प्रशासन की टीम द्वारा अनाउंसमेंट पर तुरंत सरकारी जमीन पर कब्जा किए गए मकानों को खाली करने का नोटिस दिया है.

गौरतलब है कि शिफन कोर्ट में 89 परिवार अतिक्रमण कर रहे है. जिसे प्रशासन ने 10 सितंबर तक खाली करने का समय दिया. जिसके तहत 64 परिवारों ने शपथ-पत्र देकर अतिक्रमण खाली करने की बात स्वीकार की थी. इसी बीच कुछ लोग प्रशासन के खिलाफ जाकर नैनीताल हाई कोर्ट में जमीन खाली ना करवाए जाने को लेकर अपील कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन की टीम भी अब मौके पर हुए अतिक्रमण को हटाने पहुंची है.

वहीं, प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि जब प्रशासन को उनके द्वारा 10 सितंबर तक अपने कब्जे को खाली करने का शपथ पत्र दे दिया गया है, तो ऐसे में एकाएक कार्रवाई का क्या औचित्य है. उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई होती है तो प्रशासन और पुलिस को उनकी लाशों के ऊपर से गुजर कर जाना होगा.

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शिफन कोर्ट में निवास कर रहे अनुज शाह ने बताया कि प्रशासन द्वारा उनको 10 सितंबर तक का समय खाली करने के लिए दिया गया था. परंतु एकाएक उनको मकान खाली करने के लिए कहा जा रहा है, जिसका वह पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनको नहीं मालूम की शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों की ओर से उच्च न्यायालय मे याचिका किसने डाली है.

उन्होंने कहा कि कुछ लोग सिर्फ रिपोर्ट को लेकर राजनीति कर रहे हैं. जिसका खामियाजा गरीब और मजदूर लोगों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वह किसी भी हाल में 10 सितंबर से पहले अपने मकानों को खाली नहीं करेंगे, चाहे इसका अंजाम कुछ भी हो.

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