ऋषिकेश: बीते दिनों टिहरी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद भी प्रशासन कुम्भकरणीय नींद से नहीं जागा है. ऋषिकेश में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाए वाहन दिखाई देते हैं. 8 सवारी क्षमता वाले विक्रम वाहन में 12 सवारियों को ढोया जा रहा है, जो हादसों को दावत दे रहे हैं. वहीं इस सब के बीच पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी आंख मूंदे हुए हैं.
गौर हो कि ऋषिकेश में विक्रम चालकों द्वारा क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर ढोया जा रहा है, जो आए दिन हादसों को दावत देते हैं. ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर चलने वाले विक्रम में 10 से 12 सवारियों को बैठाकर धड़ल्ले से चलाया जा रहा है, जबकि नियमानुसार एक विक्रम में 7 से अधिक सवारिओं को नहीं बैठाया जा सकता है.
वहीं कार्रवाई की बात करें तो जिस चौक से सवारियों को बिठाया जाता है उस से चंद कदमों की दूरी पर ही पुलिस के जवान खड़े होकर ट्रैफिक व्यवस्था संभालते हैं, लेकिन इन ओवरलोडिंग वाहनों पर उनकी नजर नहीं पड़ती है. या यूं कहें वे इसे देखकर भी अनदेखा कर देते हैं. वहीं इस मामले में सिर्फ पुलिस ही दोषी नहीं बल्कि परिवहन विभाग भी बराबर का जिम्मेदार है. सवारियों को ढोने वाले वाहन सहित सभी वाहन परिवहन विभाग के अंतर्गत आते हैं, लेकिन परिवहन विभाग द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. जब ओवरलोडिंग के बारे में विक्रम चालकों से पूछा गया तो उन्होंने अजीबोगरीब दलील दी. उन्होंने कहा कि ऐसा मजबूरी में करना पड़ता है. वहीं विक्रम यूनियन के कर्मचारी भी इसी चीज को दोहराते दिखाई दिए.