देहरादून: शहरी विकास मंत्रालय की ओर से हर साल राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है, जिसमें प्रदेश के स्वच्छता के आधार पर रैंकिंग दी जाती है. इस सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल करने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. इसके तहत प्रदेश के सभी निगमों, पंचायतों और कैंटोनमेंट बोर्ड को सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश जारी किए गए हैं.
उत्तराखंड शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक कुमार पांडे ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर 4 महीने पहले से ही तैयारियां की जा चुकी हैं. इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल करने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान पब्लिक और घरों में मौजूद टॉयलेट की सफाई पर दिया जा रहा है. इसके साथ ही रात को की जाने वाली सफाई भी प्राथमिकता में है.
बता दें कि उत्तराखंड शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक कुमार पांडे के मुताबिक, वर्तमान में देहरादून और रुड़की शहर सफाई के लिहाज से बेहतर प्रदर्शन करता नजर आ रहा है. वहीं, जल्द ही भारत सरकार की स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम प्रदेश के विभिन्न निगमों, पंचायतों और केंटोनमेंट बोर्ड का दौरा कर निरीक्षण करेगी. साथ ही इस दौरान टीम द्वारा जनता से भी सफाई व्यवस्था को लेकर बातचीत की जाएगी.
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गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में उत्तराखंड के सभी निगम, पंचायत कैंटोनमेंट बोर्ड की रैंकिंग में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिली थी. स्थिति कुछ ये थी कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में प्रदेश का एक भी निगम शीर्ष 250 शहरों में जगह नहीं बना पाया था.
प्रदेश के सबसे साफ-सुथरे शहर में शामिल रुड़की को भी बीते वर्ष 281वां रैंक मिला था. इसके अलावा काशीपुर 308वां और हल्द्वानी शहर 350वीं रैंकिंग के साथ तीसरे स्थान पर रहा था, जबकि प्रदेश की राजधानी देहरादून 384वां स्थान हासिल कर पांचवें स्थान पर था.