देहरादून: मानसून सीजन आते ही उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, जिस कारण नदी और नालों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, सरकार द्वारा पहली बार मानसून के दौरान नदी और नालों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए राहत-बचाव फंड रिलीज किया गया है. इसके साथ ही खतरे की जद में आने वाले लोगों को शेल्टर होम में सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है.
राजधानी की बिंदाल नदी के किनारे बसी बस्तियों में मानसून सीजन शुरू होते ही खतरा मंडराने लगता है. टोंस नदी सहित अन्य गाद गदेरों में जलस्तर बढ़ने से जानमाल का खतरा बना हुआ है. बिंदाल नदी के किनारे रहने वाले लोगों ने बताया कि बारिश और बढ़े जलस्तर के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश सरकार ने पहली बार मानसून के दौरान राहत बचाव के लिए स्पेशल फंड जारी किया है. जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि नदी-नालों किनारे रहने वाले सभी लोगों के चिह्नीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है. ऐसे में बारिश की चेतावनी के समय खतरे की जद में रहने वाले लोगों को सुरक्षित शेल्टर होम में रखने के निर्देश दिए जा चुके हैं. साथ ही अलग-अलग स्थानों में सार्वजनिक हॉल और कम्युनिटी सेंटर में लोगों को शिफ्ट करने की व्यवस्था भी बनाई गई है.
ये भी पढ़ें: तीरथ ने संसद में बताया पलायन रोकने का तरीका, भट्ट बोले- फिर शुरू हों हाइड्रोपावर प्रोजक्ट्स
जिलाधिकारी ने बताया कि पहली बार सरकार ने मानसून के दौरान नदी-नाले के किनारे रहने वाले लोगों के लिए स्पेशल फंड रिलीज किया है, जिससे समय रहते राहत बचाव कार्य किया जा सके. इसके अलावा मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ दल को अलग-अलग स्थानों में राहत बचाव कार्य के लिए तैयार रखा गया है.