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उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर, राहत और बचाव के लिए सरकार ने जारी किया फंड

राजधानी में नदी-नाले किनारे रहने वाले सभी लोगों के मकानों का चिह्नीकरण करके अलर्ट जारी कर दिया है. इसके साथ ही सरकार ने राहत बचाव कार्य के लिए स्पेशल फंड रिलीज किया है.

उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर.
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Published : Jul 20, 2019, 12:38 PM IST

Updated : Jul 20, 2019, 2:13 PM IST

देहरादून: मानसून सीजन आते ही उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, जिस कारण नदी और नालों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, सरकार द्वारा पहली बार मानसून के दौरान नदी और नालों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए राहत-बचाव फंड रिलीज किया गया है. इसके साथ ही खतरे की जद में आने वाले लोगों को शेल्टर होम में सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है.

उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर.

राजधानी की बिंदाल नदी के किनारे बसी बस्तियों में मानसून सीजन शुरू होते ही खतरा मंडराने लगता है. टोंस नदी सहित अन्य गाद गदेरों में जलस्तर बढ़ने से जानमाल का खतरा बना हुआ है. बिंदाल नदी के किनारे रहने वाले लोगों ने बताया कि बारिश और बढ़े जलस्तर के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदेश सरकार ने पहली बार मानसून के दौरान राहत बचाव के लिए स्पेशल फंड जारी किया है. जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि नदी-नालों किनारे रहने वाले सभी लोगों के चिह्नीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है. ऐसे में बारिश की चेतावनी के समय खतरे की जद में रहने वाले लोगों को सुरक्षित शेल्टर होम में रखने के निर्देश दिए जा चुके हैं. साथ ही अलग-अलग स्थानों में सार्वजनिक हॉल और कम्युनिटी सेंटर में लोगों को शिफ्ट करने की व्यवस्था भी बनाई गई है.

ये भी पढ़ें: तीरथ ने संसद में बताया पलायन रोकने का तरीका, भट्ट बोले- फिर शुरू हों हाइड्रोपावर प्रोजक्ट्स

जिलाधिकारी ने बताया कि पहली बार सरकार ने मानसून के दौरान नदी-नाले के किनारे रहने वाले लोगों के लिए स्पेशल फंड रिलीज किया है, जिससे समय रहते राहत बचाव कार्य किया जा सके. इसके अलावा मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ दल को अलग-अलग स्थानों में राहत बचाव कार्य के लिए तैयार रखा गया है.

देहरादून: मानसून सीजन आते ही उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, जिस कारण नदी और नालों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, सरकार द्वारा पहली बार मानसून के दौरान नदी और नालों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए राहत-बचाव फंड रिलीज किया गया है. इसके साथ ही खतरे की जद में आने वाले लोगों को शेल्टर होम में सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है.

उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर.

राजधानी की बिंदाल नदी के किनारे बसी बस्तियों में मानसून सीजन शुरू होते ही खतरा मंडराने लगता है. टोंस नदी सहित अन्य गाद गदेरों में जलस्तर बढ़ने से जानमाल का खतरा बना हुआ है. बिंदाल नदी के किनारे रहने वाले लोगों ने बताया कि बारिश और बढ़े जलस्तर के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदेश सरकार ने पहली बार मानसून के दौरान राहत बचाव के लिए स्पेशल फंड जारी किया है. जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि नदी-नालों किनारे रहने वाले सभी लोगों के चिह्नीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है. ऐसे में बारिश की चेतावनी के समय खतरे की जद में रहने वाले लोगों को सुरक्षित शेल्टर होम में रखने के निर्देश दिए जा चुके हैं. साथ ही अलग-अलग स्थानों में सार्वजनिक हॉल और कम्युनिटी सेंटर में लोगों को शिफ्ट करने की व्यवस्था भी बनाई गई है.

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जिलाधिकारी ने बताया कि पहली बार सरकार ने मानसून के दौरान नदी-नाले के किनारे रहने वाले लोगों के लिए स्पेशल फंड रिलीज किया है, जिससे समय रहते राहत बचाव कार्य किया जा सके. इसके अलावा मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ दल को अलग-अलग स्थानों में राहत बचाव कार्य के लिए तैयार रखा गया है.

Intro:summary_मॉनसून के चलते नदी नालों किनारे रहने वालों पर ख़तरा बरकरार, जिला प्रशासन ने किया अलर्ट,धरातल पर सुध लेने वाला कोई नहीं... सरकार द्वारा पहली बार मानसून के दौरान नदी नाले किनारे खतरे की जद में आने वाले लोगों को राहत बचाव फंड रिलीज किया गया। मॉनसून सीजन के चलते देहरादून के नदी नालों किनारे रहने वाले लोगों पर हर बार की तरह ख़तरा बरकरार हैं, हालांकि अभी तक जारी बारिश के दौरान खतरों की जद में गुजर बसर करने वालों लोग सुरक्षित नजर आ रहे हैं लेकिन मॉनसून कब बड़ी आफ़त बनकर अपना कहर बरपा दे यह कहना मुश्किल हैं। उधर जिला प्रशासन की तरफ से नदी नाले किनारे रहने वाले लोगों को भारी बरसात के दौरान अलर्ट रहने की हिदायत दी गई हैं साथ प्रशासन ने किसी भी आपातकालीन स्थिति में खतरे की जद में आने वाले लोगों को शहर के अलग-अलग स्थानों में शेल्टर होम में सुरक्षित करने की व्यवस्था की हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा पहली बार मानसून के दौरान खतरे की जद में आने वाले लोगों की राहत बचाव कार्य के लिए स्पेशल फंड भी जारी किया गया है।


Body:देहरादून शहर के बीचोबीच बिंदाल नदी के किनारे बस्तियों के रूप से रहने वाले लोगों को मॉनसून सीजन के दौरान मसूरी पर्वतीय क्षेत्र से तेज़ बारिस के समय टोंस नदी सहित अन्य गाद गदेरों से आने वाले भारी जलस्तर से जानमाल का डर बना रहता हैं। हालांकि हर स्थानीय राजनीतिक संरक्षण के चलते वर्ष नदी -नालों के किनारे अवैध रूप से अतिक्रमण भी खतरों को बढ़ावा देने जैसा है। उधर भारी बारिश के दौरान नदी नालों के किनारे रहने वाले लोगों की माने तो हर बार आश्वासन के बावजूद शहर ।के मलिन बस्तियों के व्यवस्थित विस्थापन का अभी तक धरातल में कोई असर नहीं दिख रहा हैं जिसके चलते मजबूरन नदी नालों के किनारे लोग रहने को मजबूर हैं। बिंदाल नदी के किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि बारिश अधिक होने के समय जलस्तर नदी से घरों तक पहुंचने के बाद सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को लेकर जान माल का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में भारी बारिश में जिला प्रशासन द्वारा एलाइड जरूर किया जाता है लेकिन मौके पर आकर कोई सुध नहीं नेता। बाईट-उषा देवी


Conclusion:पहली बार मॉनसून के दौरान राहत बचाव कार्य के लिए सरकार ने जारी किया अलग से स्पेशल फंड-DM उधर मॉनसून के दौरान भारी बारिश के दौरान राहत बचाव कार्य व्यवस्था के संबंध में जानकारी देते हुए देहरादून जिला अधिकारी ने बताया कि नदी नाले किनारे रहने वाले सभी लोगों का चिह्निकरण कार्य पूरा किया जा चुका है ऐसे में भारी बारिश की चेतावनी के समय खतरे की जद में रहने वाले लोगों को समय से उनके स्थानों से शिफ्ट कर शेल्टर होम में सुरक्षित रखने की संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। साथ ही अलग-अलग स्थानों में सार्वजनिक हॉल और कम्युनिटी सेंटर में किसी भी आपातकाल समय के लिए लोगों को शिफ्ट करने की व्यवस्था भी बनाई गई है। देहरादून जिलाधिकारी ने बताया कि पहली बार सरकार द्वारा मानसून के दौरान नदी नाले किनारे खतरे की जद में आने वाले लोगों के लिए राहत बचाव कार्य के लिए स्पेशल फंड धनराशि के रूप में रिलीज की गई है ताकि समय रहते राहत बचाव कार्य किया जा सके। इसके अलावा मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ दल को अलग अलग स्थानों में समय रहते पहुंचकर राहत बचाव कार्य के लिए तैयार रखा गया है। बाईट-सी रविशंकर, जिलाधिकारी, देहरादून pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628
Last Updated : Jul 20, 2019, 2:13 PM IST
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