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CBSE Result 2022: सफलता को 100 मीटर की दौड़ नहीं मैराथन समझें, माता-पिता से दूर आदित्य की बड़ी सीख

पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर के रहने वाले आदित्य अपने माता-पिता से दूर देहरादून में अपनी मौसी के घर पर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते 12वीं में 98.2 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं. आदित्य के एग्जाम में इस बेहतर प्रदर्शन को लेकर ईटीवी भारत ने उनकी बातचीत की है.

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सफलता को 100 मीटर की दौड़ नहीं मैराथन समझें.
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Published : Jul 22, 2022, 6:52 PM IST

Updated : Jul 22, 2022, 7:02 PM IST

देहरादून: सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है. इस दौरान कई छात्र हैं जिन्होंने बेहतर प्रदर्शन कर न केवल अपना लोहा मनवाया है बल्कि उन्होंने युवाओं को भी मेहनत के बल पर बेहतर परिणाम पाने की सीख दी है. श्रीनगर गढ़वाल के रहने वाले आदित्य नौटियाल भी उन्हीं युवाओं में से एक हैं, जिन्होंने माता-पिता से दूर देहरादून में रहकर 12वीं की परीक्षा में 98.2 प्रतिशत अंक पाने में सफलता हासिल की. इस दौरान उन्होंने युवाओं को एक लाइन में जो सीख दी है, वह वाकई आदित्य की लगन और दूरदर्शिता को जाहिर करती है.

जीवन में बिना प्रयास के सफलता नहीं मिल सकती और न ही सफलता का कोई शॉर्टकट है. सीबीएसई की 12वीं कक्षा में 98.2 प्रतिशत पाने वाले आदित्य नौटियाल इस बात को बखूबी जानते हैं. शायद इसीलिए माता-पिता से दूर रहकर भी आदित्य नौटियाल ने एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन कर युवाओं को सीख देने का काम किया है. आदित्य कि कही एक लाइन हर युवा के लिए प्रेरणा स्रोत होनी चाहिए, जो वाकई सफलता की कुंजी है. आदित्य कहते हैं कि अपने लक्ष्य पर फोकस करके ही सफलता को हासिल किया जा सकता है, बहुत ज्यादा नहीं लेकिन हर दिन मेहनत करनी होगी. इसको 100 मीटर की दौड़ नहीं बल्कि मैराथन मानना चाहिए. जिसमें हमें लगातार दौड़ना है तेज नहीं.

माता-पिता से दूर आदित्य की बड़ी सीख.

पढ़ें- CBSE परीक्षा परिणाम: 12वीं में देहरादून रीजन में 85.39 प्रतिशत रहा रिजल्ट, 10वीं का भी घोषित

आदित्य नौटियाल की इस एक लाइन से उनकी सफलता की पूरी कहानी बयां होती है. आदित्य नौटियाल पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर के रहने वाले हैं. जहां उनके पिता अपना व्यवसाय करते हैं. आदित्य की मां एक सरकारी स्कूल टीचर है, जो टिहरी जिले में तैनात हैं. आदित्य की आठवीं कक्षा तक पढ़ाई श्रीनगर में ही हुई. इसके बाद आदित्य देहरादून में बेहतर पढ़ाई के लिए अपनी मौसी के घर रहने लगे.

वह पिछले 4 साल से वह देहरादून में ही हैं और कक्षा 9 से 12वीं तक का सफर बेहद अच्छे प्रदर्शन के साथ पूरा किया है. माता-पिता से दूर होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई पर इसका कोई असर नहीं आने दिया. यही नहीं कोरोना काल की गंभीर परिस्थितियों में भी उन्होंने खुद को पढ़ाई से दूर नहीं किया. यही सब वह बातें हैं जो आज उनकी सफलता की वजह बनी है. आदित्य नौटियाल भविष्य में कॉमर्स फील्ड अपनाते हुए सीए बनना चाहते हैं.

देहरादून: सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है. इस दौरान कई छात्र हैं जिन्होंने बेहतर प्रदर्शन कर न केवल अपना लोहा मनवाया है बल्कि उन्होंने युवाओं को भी मेहनत के बल पर बेहतर परिणाम पाने की सीख दी है. श्रीनगर गढ़वाल के रहने वाले आदित्य नौटियाल भी उन्हीं युवाओं में से एक हैं, जिन्होंने माता-पिता से दूर देहरादून में रहकर 12वीं की परीक्षा में 98.2 प्रतिशत अंक पाने में सफलता हासिल की. इस दौरान उन्होंने युवाओं को एक लाइन में जो सीख दी है, वह वाकई आदित्य की लगन और दूरदर्शिता को जाहिर करती है.

जीवन में बिना प्रयास के सफलता नहीं मिल सकती और न ही सफलता का कोई शॉर्टकट है. सीबीएसई की 12वीं कक्षा में 98.2 प्रतिशत पाने वाले आदित्य नौटियाल इस बात को बखूबी जानते हैं. शायद इसीलिए माता-पिता से दूर रहकर भी आदित्य नौटियाल ने एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन कर युवाओं को सीख देने का काम किया है. आदित्य कि कही एक लाइन हर युवा के लिए प्रेरणा स्रोत होनी चाहिए, जो वाकई सफलता की कुंजी है. आदित्य कहते हैं कि अपने लक्ष्य पर फोकस करके ही सफलता को हासिल किया जा सकता है, बहुत ज्यादा नहीं लेकिन हर दिन मेहनत करनी होगी. इसको 100 मीटर की दौड़ नहीं बल्कि मैराथन मानना चाहिए. जिसमें हमें लगातार दौड़ना है तेज नहीं.

माता-पिता से दूर आदित्य की बड़ी सीख.

पढ़ें- CBSE परीक्षा परिणाम: 12वीं में देहरादून रीजन में 85.39 प्रतिशत रहा रिजल्ट, 10वीं का भी घोषित

आदित्य नौटियाल की इस एक लाइन से उनकी सफलता की पूरी कहानी बयां होती है. आदित्य नौटियाल पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर के रहने वाले हैं. जहां उनके पिता अपना व्यवसाय करते हैं. आदित्य की मां एक सरकारी स्कूल टीचर है, जो टिहरी जिले में तैनात हैं. आदित्य की आठवीं कक्षा तक पढ़ाई श्रीनगर में ही हुई. इसके बाद आदित्य देहरादून में बेहतर पढ़ाई के लिए अपनी मौसी के घर रहने लगे.

वह पिछले 4 साल से वह देहरादून में ही हैं और कक्षा 9 से 12वीं तक का सफर बेहद अच्छे प्रदर्शन के साथ पूरा किया है. माता-पिता से दूर होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई पर इसका कोई असर नहीं आने दिया. यही नहीं कोरोना काल की गंभीर परिस्थितियों में भी उन्होंने खुद को पढ़ाई से दूर नहीं किया. यही सब वह बातें हैं जो आज उनकी सफलता की वजह बनी है. आदित्य नौटियाल भविष्य में कॉमर्स फील्ड अपनाते हुए सीए बनना चाहते हैं.

Last Updated : Jul 22, 2022, 7:02 PM IST
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