देहरादून: पिछले दिनों उत्तरकाशी जिले के पुरोला में हुए धर्मांतरण मामले को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ वी मुरुगेशन ने गंभीरता से लिया है. इसको लेकर ए़डीजी तीन दिवसीय कैंप पर पुरोला में हैं. ताकि ग्रामीण इलाकों में हुए धर्मांतरण मामले की जांच में कोई लापरवाही न हो. बता दें कि पुरोला के कुछ गांवों में क्रिसमस और उससे पहले धर्मांतरण की खबरें थी. इसी बात की सच्चाई जानने के लिए राज्य में बनाए गए नए धर्मांतरण कानून के तहत जांच की जा रही है. जिसको लेकर ADG ने पुरोला में चौपाल लगाकर स्थानीय पुलिस से सच्चाई जानी और मामले में निष्पक्ष जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.
बता दें कि पुरोला धर्मांतरण मामले में पुलिस कार्रवाई पर नजर रखने के लिए एडीजी मुरुगेशन को पुलिस मुख्यालय की ओर से उत्तरकाशी भेजा गया है. एडीजी मुरुगेशन वहां पर तीन दिनों तक कैंप करेंगे. वहीं, नए एक्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारियों की मीटिंग कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी के कई गांवों में धर्मांतरण कराया गया है. वहीं, पिछले दिनों हुए धर्मांतरण मामले में अब मसूरी पादरी और उसकी पत्नी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
वहीं यह भी बताया जा रहा है कि पुरोला इलाके के कुछ रसूखदार लोगों ने रुपया लेकर धर्मांतरण कराने वाले लोगों को फायदा पहुंचाया. धर्मांतरण के मामले में दूसरी ओर से भी कई लोगों के खिलाफ मारपीट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है. जानकारी मिल रही है कि विशेष समुदाय द्वारा धर्मांतरण सिर्फ एक गांव में नहीं, बल्कि दूसरे गांवों में भी कराया गया है. इन सब मामलों में पुलिस उच्च स्तरीय जांच कर रही है. ताकि उत्तराखंड में धर्मांतरण को लेकर संशोधित सख्त कानून के दायरे में लाकर सभी आरोपी लोगों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके.
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डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को उत्तरकाशी भेजा गया है. बता दें कि मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपियों को राज्य में धर्मांतरण संशोधित कानून के तहत 10 साल की सजा का प्रावधान है. जिसके तहत कई लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे जा सकते हैं. एडीजी डॉ वी मुरुगेशन के अनुसार उत्तराखंड में नए कानून के तहत अगर धर्मांतरण का मामला जांच में सही पाया गया तो आरोपियों को 10 साल के लिए जेल भेजा जा सकता है.