देहरादून: राजधानी देहरादून स्थित माजरी माफी स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में छात्रा ने स्कूल के प्रधानाचार्य पर छेड़खानी का आरोप लगाया था. वहीं, सोमवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से इस मामले को लेकर अहम फैसला सुनाया गया .
दरअसल, इस पूरे मामले पर बाल आयोग की ओर से अपर माध्यमिक शिक्षा निदेशक को आयोग के दफ्तर में पेश होने को कहा गया था. जिसके बाद सोमवार को अपर माध्यमिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण थपलियाल आयोग में पेश हुए. इस दौरान उनकी ओर से आयोग को अवगत कराया गया कि इस पूरे प्रकरण में संबंधित प्रधानाचार्य की जमानत होने के बाद 11 जुलाई 2019 को उन्हें राजकीय इंटर कॉलेज खुड़बुड़ा में तैनाती दे दी गई थी. जिस पर बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने गहरी आपत्ति व्यक्त की.
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वहीं, बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की ओर से इस पूरे मामले पर यह तर्क दिया गया कि राजकीय इंटर कॉलेज खुड़बुड़ा में बालक-बालिका एक साथ पढ़ते हैं. ऐसे में आरोपित प्रधानाचार्य को ऐसे विद्यालय में तैनात किए जाने पर उन्होंने बालिकाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए. ऐसे में इस पूरे प्रकरण में संलिप्त पाए गए शिक्षक को शिक्षा विभाग के कार्यालय में तैनाती दी जानी चाहिए. जिससे निकट भविष्य में दोबारा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
बता दें कि राजकीय इंटर कॉलेज माजरी माफी में मई 2019 में 12वीं कक्षा की छात्रा ने स्कूल के प्रधानाचार्य पर छेड़खानी करने का आरोप लगाया था. मामले का संज्ञान लेते हुए अब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने देहरादून माध्यमिक शिक्षा निदेशक को समन जारी कर 28 दिसंबर को आयोग कार्यालय में पेश होने को कहा था.