देहरादूनः कोविड-19 के खिलाफ फ्रंट फुट पर आकर लड़ाई लड़ने वाले सफाई कर्मचारियों को राज्य सरकार ने कोरोना वॉरियर्स तो घोषित कर दिया है. लेकिन सरकार सफाई कर्मचारियों के लिए अभी तक पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं कर पाई है. सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त और उच्च गुणवत्ता वाले मास्क उपलब्ध न हो पाने की खबर को ETV Bharat ने प्रमुखता से उठाया था. जिसका बड़ा असर देखने को मिला है. मामले में मेयर गामा ने सफाई कर्मचारियों को मास्क, ग्लब्स न देने वाले सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.
गौर हो कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद 25 मार्च से ही लगातार देशव्यापी लॉकडाउन लागू है, लेकिन सफाई कर्मचारी 23 मार्च से ही देहरादून की सफाई करने में जुट गए थे. इतना ही नहीं दिन-रात मेहनत कर सफाई कर्मचारी न सिर्फ पूरे राजधानी देहरादून को साफ कर रहे हैं, बल्कि नगर निगम, देहरादून की हर गली मोहल्ले को सेनेटाइज भी कर रहे हैं.
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यही वजह है कि फ्रंट फुट पर आकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे इन सफाई कर्मचारियों को राज्य सरकार ने कोरोना वॉरियर्स घोषित किया है. लेकिन कोरोना वॉरियर्स कम गुणवत्ता वाले मास्क के सहारे ही मैदान में डटे थे. इतना ही नहीं उन्हें कई दिनों तक उसी मास्क से काम चलाना पड़ रहा था. जिसके बाद ETV Bharat ने सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त और उच्च गुणवत्ता वाले मास्क उपलब्ध न हो पाने की खबर को प्रमुखता से उठाया था.
खबर दिखाई तो जागे मेयर गामा
वहीं, ETV Bharat के खबर का संज्ञान लेते हुए मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि जिन सफाई कर्मचारियों के पास मास्क नहीं होगा, उनके सुपरवाइजर पर कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि, पर्याप्त मात्रा में मास्क और ग्लब्स इन सफाई कर्मियों के लिए उपलब्ध किराए गए हैं.