देहरादून: यातायात पुलिस द्वारा विक्रम संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. एक अप्रैल से दस साल पुराने विक्रमों को हटाकर उनकी जगह नए टाटा मैजिक चलाने का फैसला राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया था. एक अप्रैल से दस साल पुराने विक्रमों को संचालन से बाहर किए जाने के फैसले पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया. जिससे विक्रम चालकों को कुछ राहत मिली, लेकिन फुटकर सवारी नहीं बिठा पाने की बाध्यता उनके लिए मुश्किल खड़ी कर रही है.
विक्रम चालकों के खिलाफ होगी चालानी कार्रवाई: एक अप्रैल से देहरादून शहर में विक्रम को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट की शर्तों के अनुसार चलना था. लेकिन विक्रम चालक अपनी मनमानी करते हुए स्टेज कैरिज परमिट के आधार वाहन चला रहे हैं. यानी विक्रम चालक फुटकर सवारियों को ले जाने का काम रहे हैं. इस वजह से जगह-जगह रुकने के कारण जाम की स्थिति बन जाती है. परिवहन विभाग द्वारा कई बार चेतावनी दी जा चुकी है, लेकिन विक्रम चालक धड़ल्ले से शहर में विक्रम चला रहे हैं. मगर अब परिवहन विभाग ऐसे विक्रम चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई करते हुए वाहन सीज करने का काम करेगी.
विक्रम की जगह चलाई जा रही टाटा मैजिक: आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि देहरादून के अंदर अर्बन मोबिलिटी प्लान के अंतर्गत कोशिश की जा रही है कि सड़कें अतिक्रमण से फ्री हो सकें. ऐसे वाहनों का संचालन हो सके जो स्टेज कैरिज के अंतर्गत हो. इसके साथ ही वह बस स्टॉप और स्टॉपेज के अनुसार ही चल सकें. ताकि लोग दोपहिया वाहनों को छोड़कर परिवहन विभाग द्वारा जो अच्छी सुविधाएं बस और टाटा मैजिक से दी जा रही है उनका उपयोग करें. इसके अलावा जो वाहन परमिट के अनुरूप नहीं चल रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. तय किया जाएगा कि वह बुकिंग के आधार पर ही चल सके.
क्या है कॉन्ट्रैक्ट और स्टेज कैरिज परमिट: मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार स्टेज कैरिज परमिट धारक वाहन एक स्थान से अपनी यात्रा शुरू करता है एवं अंतिम गंतव्य तक पहुंचने से पहले इसमें कई स्टॉपेज हो सकते हैं. जबकि कॉन्ट्रैक्ट कैरिज में बुकिंग कर एक स्थान से निर्धारित गंतव्य तक सवारी को ले जाया जाता है. इसमें बीच में कहीं पर भी वाहन को नहीं रोका जाता.
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स्टॉपेज पर लगाए जाएंगे बोर्ड: पुलिस के सहयोग से ऐसे वाहनों को चालान के साथ सीज किया जाएगा. साथ ही परिवहन विभाग द्वारा शहर के मुख्य कॉरिडोर जैसे कि आशारोड़ी से कुठाल गेट तक, आईआईटीआर से झाझरा तक और गढ़ी कैंट से लेकर मोहकमपुर तक 235 बस स्टॉप चिन्हित किए गए हैं. इन स्टॉपेज पर बोर्ड लगाने की तैयारी चल रही है. करीब दस से पंद्रह दिनों के अंदर सभी स्टॉपेज पर बोर्ड लग जायेंगे और उन्हीं बोर्ड के आधार पर बसें रुका करेंगी. वहीं से ही सवारियों को बैठाया करेंगी.