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वन विभाग में फिर होगा बड़ा एक्शन, 2 IFS अफसरों पर कार्रवाई के सुबोध उनियाल ने दिए संकेत - Forest Department in Uttarakhand

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विभाग के दो और बड़े अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं. सुबोध उनियाल का कहना है कि वन विभाग में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो भ्रष्टाचार हुए उन पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाएगी.

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वन मंत्री सुबोध उनियाल
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Published : Apr 25, 2022, 1:58 PM IST

देहरादून: जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली धामी सरकार ने भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की कवायद शुरू कर चुकी है. बीते दिन जहां आईएफएस किशन चंद (IFS Kishan Chand) पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर विजिलेंस टीम चार्टशीट दाखिल करने जा रही है. इसके साथ ही किशन चंद के वीआरएस पर भी रोक लगा दी है. वहीं, वन विभाग के दो और आईएसएस अधिकारियों पर भी जल्द ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने वाली है.

दरअसल, वन विभाग के दो और आईएफएस अधिकारियों की अनिवार्य वीआरएस की पत्रावली को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जा चुका है. लिहाजा, पत्रावली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के अनुमोदन के बाद इन दोनों आईएफएस अधिकारियों को अनिवार्य वीआरएस दिलाया जाएगा. इस पूरे मामले पर राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वन विभाग में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो भ्रष्टाचार हुए हैं उन पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाएगी.

वन विभाग के दो और IFS अधिकारियों पर गिरेगी गाज.

वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) ने कहा कि विभाग के दो अधिकारियों, जिस पर जांच के लिए कहा गया है उनके अनिवार्य वीआरएस की पत्रावली मिली थी, जिसपर मुख्यमंत्री को अनुमोदन के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलते ही बड़ी कार्रवाई शुरू हो जाएगी. मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और वीआरएस लेना चाहते हैं, उनके वीआरएस को भी रद्द करने का निर्णय लिया गया है.
पढ़ें- बाट माप विभाग ने कुमाऊं में की बड़ी कार्रवाई, 6 करोड़ 73 लाख रुपए की वसूली

बता दें, आईएफएस अधिकारी किशन चंद के खिलाफ विजिलेंस जांच की संस्तुति राज्य सरकार ने दी है. जिस पर केंद्र को अंतिम निर्णय लेना है. साथ ही राज्य सरकार वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जिस पर भी अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जा सकता है.

देहरादून: जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली धामी सरकार ने भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की कवायद शुरू कर चुकी है. बीते दिन जहां आईएफएस किशन चंद (IFS Kishan Chand) पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर विजिलेंस टीम चार्टशीट दाखिल करने जा रही है. इसके साथ ही किशन चंद के वीआरएस पर भी रोक लगा दी है. वहीं, वन विभाग के दो और आईएसएस अधिकारियों पर भी जल्द ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने वाली है.

दरअसल, वन विभाग के दो और आईएफएस अधिकारियों की अनिवार्य वीआरएस की पत्रावली को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जा चुका है. लिहाजा, पत्रावली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के अनुमोदन के बाद इन दोनों आईएफएस अधिकारियों को अनिवार्य वीआरएस दिलाया जाएगा. इस पूरे मामले पर राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वन विभाग में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो भ्रष्टाचार हुए हैं उन पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाएगी.

वन विभाग के दो और IFS अधिकारियों पर गिरेगी गाज.

वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) ने कहा कि विभाग के दो अधिकारियों, जिस पर जांच के लिए कहा गया है उनके अनिवार्य वीआरएस की पत्रावली मिली थी, जिसपर मुख्यमंत्री को अनुमोदन के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलते ही बड़ी कार्रवाई शुरू हो जाएगी. मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और वीआरएस लेना चाहते हैं, उनके वीआरएस को भी रद्द करने का निर्णय लिया गया है.
पढ़ें- बाट माप विभाग ने कुमाऊं में की बड़ी कार्रवाई, 6 करोड़ 73 लाख रुपए की वसूली

बता दें, आईएफएस अधिकारी किशन चंद के खिलाफ विजिलेंस जांच की संस्तुति राज्य सरकार ने दी है. जिस पर केंद्र को अंतिम निर्णय लेना है. साथ ही राज्य सरकार वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जिस पर भी अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जा सकता है.

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