देहरादूनः उत्तराखंड में अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक निर्माणों को ध्वस्त करने का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में न केवल काफी संख्या में मजारों को हटाया जा रहा है, बल्कि अब तक 33 मंदिरों पर भी बुलडोजर चल चुके हैं. बड़ी बात ये है कि इन मंदिरों में किसी भी तरह के धार्मिक क्रियाकलाप नहीं हो रहे थे. प्रशासन ने नोटिस जारी करने के बाद इन मंदिरों को हटाने की कार्रवाई की है.
उत्तराखंड में अवैध धार्मिक निर्माण हटाने के लिए सरकार के निर्देशों के बाद फिलहाल एक तरफ ऐसे अवैध निर्माण चिन्हित किए जा रहे हैं, जो सरकारी भूमि पर हैं तो दूसरी तरफ कई अवैध निर्माण पर नोटिस जारी करने के बाद इन पर कार्रवाई भी की जा रही है. उत्तराखंड में अब तक 33 अवैध रूप से सरकारी जमीनों पर बनाए गए मंदिरों को ढहाया जा चुका है.
जांच में पता चला है कि इन मंदिरों को बना तो दिया गया, लेकिन इसके बाद इनमें किसी भी तरह का धार्मिक क्रियाकलाप नहीं किया जा रहा था. मंदिरों में पूजा अर्चना भी लंबे समय से नहीं हो रही थी. ऐसे में अधिकारी निष्कर्ष पर निकले हैं कि ऐसे धार्मिक निर्माणों का मकसद केवल जंगलों और सरकारी जमीनों पर कब्जा करना था. इन्हीं बातों पर ध्यान देते हुए प्रशासन ने पहले इन्हें नोटिस जारी किया और उसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई करने का काम किया है.
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दूसरी तरफ उत्तराखंड में विभिन्न मजारों पर भी ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. रविवार को भी 20 मजारों पर कार्रवाई की गई. इससे पहले 314 मजारों को हटाया जा चुका है. इस तरह देखा जाए तो अब तक 334 मजारों पर बुलडोजर चल चुका है. जबकि, अब तक 84 हेक्टेयर जंगलों से अतिक्रमण हटाया जा चुका है. ऐसे अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए हैं.
वहीं, मामले में आईएफएस अधिकारी पराग मधुकर धकाते ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने जिन मजारों पर दावा किया है, ऐसे मजारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसके अलावा बाकी मजारों पर कार्रवाई हो रही है. साथ ही दूसरे अवैध निर्माणों को भी हटाने के निर्देश दिए गए हैं. जिन पर तेजी से काम हो रहा है.