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पावर बैंक एप गिरोह पर शिकंजा जारी, अब तक 5 करोड़ 86 लाख रुपए फ्रीज

पावर बैंक एप साइबर धोखाधड़ी मामले में उत्तराखंड एसटीएफ दिल्ली के एक कंपनी डायरेक्टर को पूछताछ के लिए दून लाई है. एसटीएफ अभी तक मामले में करीब 5.86 करोड़ की राशि फ्रीज कर चुकी है.

Dehradun
देहरादून
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Published : Jun 23, 2021, 7:49 PM IST

Updated : Jun 23, 2021, 7:55 PM IST

देहरादूनः पावर बैंक नामक एप में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले साइबर अपराधियों पर उत्तराखंड STF की कार्रवाई जारी है. हाल ही में एसटीएफ दिल्ली स्थित एक कंपनी डायरेक्टर को पूछताछ के लिए दून लाई है. साथ ही एक अन्य कंपनी एरोमा इम्पेक्स के 3.36 करोड़ की संदिग्ध ट्रांजेक्शन को फ्रीज कराया गया है. अब तक कुल 5.86 करोड़ की राशि फ्रीज की जा चुकी है.

हिमांशु कपूर से पूछताछ

स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी में हिमांशु कपूर को दिल्ली से देहरादून पूछताछ के लिए लाया गया है. बता दें कि हिमांशु कपूर ने 6 कंपनियां पिछले 2 साल में चीनी नागरिकों के साथ मिलकर बनाई थी. हिमांशु कपूर की Adexter concept pvt ltd में पावर बैंक एप के माध्यम से 53 करोड़ का ट्रांजेक्शन होना पाया गया. पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद इसमें शामिल दिल्ली और गुरुग्राम के कई चार्टर्ड अकाउंटेंट की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई है.

ये भी पढ़ेंः नैनीताल पुलिस ने चार साइबर ठगों को राजस्थान से किया गिरफ्तार

2 गिरफ्तार, 2 के खिलाफ वारंट जारी

देश की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए एसटीएफ द्वारा खास रणनीति बनाई गई है. अपराध में शामिल अपराधियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसियों की तर्ज पर कार्रवाई के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है. अभी तक पुलिस द्वारा अपराध में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. साथ ही 6 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. जबकि 2 आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है.

मुंबई, दिल्ली समेत आधा दर्जन राज्यों में दबिश

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गठित टीमों द्वारा मुम्बई, दिल्ली, तेलंगाना, बेंगलुरु, गुजरात और हरियाणा से संपर्क कर विभिन्न पहलुओं पर जांच कर आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. साथ ही टीम द्वारा जूनागढ़, गुजरात में भी दबिश दी गई है. जहां एक आरोपी मुकेश गोबर भाई चोटानी फरार है. मुकेश द्वारा एक फर्जी कंपनी दिव्या मनी फ्रेंको का संचालन किया जा रहा था. इस कंपनी में भी लगभग 50 करोड़ का लेनदेन पाया गया है.

पैसे डबल करने का लालच

साइबर ठग लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए 15 दिन में पैसे डबल करने का लालच देते थे. पीड़ित रोहित कुमार की शिकायत पर STF ने ये बड़ी कार्रवाई की है. अब तक ये जालसाज पावर बैंक नामक एप के माध्यम से करीब 360 करोड़ की साइबर ठगी को अंजाम दे चुके थे. मुख्य अभियुक्त पवन कुमार पांडेय को STF ने नोएडा सेक्टर-99 से गिरफ्तार किया था.

ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश

एसटीएफ की टीम ने विदेशी व्यापारियों द्वारा भारत के बैंक खातों के माध्यम से की जा रही ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया. आरोप है कि ये साइबर ठग आम जनता को गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर मौजूद पावर बैंक नामक एप में निवेश कर पैसे दोगुना करने का लालच देते थे. वहीं, मामले में एसटीएफ ने ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य पवन कुमार पांडेय को नोएडा से गिरफ्तार किया है.

पावर बैंक एप के जरिए धोखाधड़ी

बताया जा रहा है कि यह धोखाधड़ी देश की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी है. पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन में रही, जिसमें साइबर थाने द्वारा वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातों में करीब 360 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी सामने आई है. गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगों द्वारा पूरे भारतर्ष में डाउनलोड किया गया है.

रोहित की शिकायत में मामले का हुआ खुलासा

साइबर अपराधियों द्वारा पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने करने का लालच देकर आम जनता से धनराशि जमा कराकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे. इस क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को मिला, जिसमें पीड़ित रोहित कुमार निवासी श्यामपुर जनपद हरिद्वार ने शिकायत दर्ज कराई. उसने बताया कि उसके दोस्त ने कहा कि पावर बैंक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने हो जाते है. उसकी बातों मे आकर पीड़ित ने पावर बैंक नामक ऐप पर भिन्न भिन्न तरीकों से 91,200 और 73,000 हजार रुपये जमा कराकर, उसके साथ धोखाधड़ी की गयी.

देहरादूनः पावर बैंक नामक एप में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले साइबर अपराधियों पर उत्तराखंड STF की कार्रवाई जारी है. हाल ही में एसटीएफ दिल्ली स्थित एक कंपनी डायरेक्टर को पूछताछ के लिए दून लाई है. साथ ही एक अन्य कंपनी एरोमा इम्पेक्स के 3.36 करोड़ की संदिग्ध ट्रांजेक्शन को फ्रीज कराया गया है. अब तक कुल 5.86 करोड़ की राशि फ्रीज की जा चुकी है.

हिमांशु कपूर से पूछताछ

स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी में हिमांशु कपूर को दिल्ली से देहरादून पूछताछ के लिए लाया गया है. बता दें कि हिमांशु कपूर ने 6 कंपनियां पिछले 2 साल में चीनी नागरिकों के साथ मिलकर बनाई थी. हिमांशु कपूर की Adexter concept pvt ltd में पावर बैंक एप के माध्यम से 53 करोड़ का ट्रांजेक्शन होना पाया गया. पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद इसमें शामिल दिल्ली और गुरुग्राम के कई चार्टर्ड अकाउंटेंट की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई है.

ये भी पढ़ेंः नैनीताल पुलिस ने चार साइबर ठगों को राजस्थान से किया गिरफ्तार

2 गिरफ्तार, 2 के खिलाफ वारंट जारी

देश की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए एसटीएफ द्वारा खास रणनीति बनाई गई है. अपराध में शामिल अपराधियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसियों की तर्ज पर कार्रवाई के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है. अभी तक पुलिस द्वारा अपराध में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. साथ ही 6 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. जबकि 2 आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है.

मुंबई, दिल्ली समेत आधा दर्जन राज्यों में दबिश

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गठित टीमों द्वारा मुम्बई, दिल्ली, तेलंगाना, बेंगलुरु, गुजरात और हरियाणा से संपर्क कर विभिन्न पहलुओं पर जांच कर आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. साथ ही टीम द्वारा जूनागढ़, गुजरात में भी दबिश दी गई है. जहां एक आरोपी मुकेश गोबर भाई चोटानी फरार है. मुकेश द्वारा एक फर्जी कंपनी दिव्या मनी फ्रेंको का संचालन किया जा रहा था. इस कंपनी में भी लगभग 50 करोड़ का लेनदेन पाया गया है.

पैसे डबल करने का लालच

साइबर ठग लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए 15 दिन में पैसे डबल करने का लालच देते थे. पीड़ित रोहित कुमार की शिकायत पर STF ने ये बड़ी कार्रवाई की है. अब तक ये जालसाज पावर बैंक नामक एप के माध्यम से करीब 360 करोड़ की साइबर ठगी को अंजाम दे चुके थे. मुख्य अभियुक्त पवन कुमार पांडेय को STF ने नोएडा सेक्टर-99 से गिरफ्तार किया था.

ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश

एसटीएफ की टीम ने विदेशी व्यापारियों द्वारा भारत के बैंक खातों के माध्यम से की जा रही ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया. आरोप है कि ये साइबर ठग आम जनता को गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर मौजूद पावर बैंक नामक एप में निवेश कर पैसे दोगुना करने का लालच देते थे. वहीं, मामले में एसटीएफ ने ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य पवन कुमार पांडेय को नोएडा से गिरफ्तार किया है.

पावर बैंक एप के जरिए धोखाधड़ी

बताया जा रहा है कि यह धोखाधड़ी देश की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी है. पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन में रही, जिसमें साइबर थाने द्वारा वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातों में करीब 360 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी सामने आई है. गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगों द्वारा पूरे भारतर्ष में डाउनलोड किया गया है.

रोहित की शिकायत में मामले का हुआ खुलासा

साइबर अपराधियों द्वारा पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने करने का लालच देकर आम जनता से धनराशि जमा कराकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे. इस क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को मिला, जिसमें पीड़ित रोहित कुमार निवासी श्यामपुर जनपद हरिद्वार ने शिकायत दर्ज कराई. उसने बताया कि उसके दोस्त ने कहा कि पावर बैंक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने हो जाते है. उसकी बातों मे आकर पीड़ित ने पावर बैंक नामक ऐप पर भिन्न भिन्न तरीकों से 91,200 और 73,000 हजार रुपये जमा कराकर, उसके साथ धोखाधड़ी की गयी.

Last Updated : Jun 23, 2021, 7:55 PM IST
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