देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान तमाम प्रवासी उत्तराखंड वापस लौटे हैं. इन प्रवासियों और बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरुआत की है. इसी को लेकर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में राज्य के सभी बैंकर्स और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की.
बैठक के दौरान राधा रतूड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी बैंकर्स को तत्परता के साथ प्रवासियों को ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिलाधिकारी को निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश जारी किए हैं. उनका कहना है कि जो बैंक योजना में अच्छा कार्य करेगा, उस बैंक में शासकीय धन जमा करने में प्राथमिकता दी जाएगी. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है. योजना में तेजी लाने के लिए 10 लाख तक के छोटे और लघु उद्योग के ऋण प्रकरणों में कोलेटरल की शर्त न लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसे लेकर बैंकों से भी बिना किसी ठोस कारण किसी आवेदन को निरस्त न करने की अपील की गई है.
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समस्त बैंकर्स को अपने अधीनस्थ समस्त शाखाओं में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन देने की गति को बढ़ाने का निर्देश जारी किया है. जिससे इस संबंध में संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न न हो. उन्होंने बताया कि बैंकों की जिन शाखाओं में इससे संबंधित गाइडलाइन उपलब्ध नहीं है उन्हें यह शीघ्र उपलब्ध करायी जाएगी. इसके साथ ही प्रदेश में सोलर और पिरूल प्रोजेक्टों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. सोलर में लगभग 283 परियोजनायें आवंटित की गई हैं, जिनमें लगभग 1000 करोड़ का निवेश संभावित है.