देहरादून: रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कैंट बोर्ड के दोनों कर्मचारियों को CBI ने 3 दिन की रिमांड पर लिया है. अब रिमांड के दौरान CBI की टीम दोनों कर्मचारियों से मिलीभगत आशंका के दृष्टिगत कैंट बोर्ड के अधिकारियों और अन्य लोगों के बारे में पूछताछ कर आगे की जानकारी जुटाएगी.
आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद सीबीआई ने कोर्ट के समक्ष इस बात की दलील दी थी कि आरोपी कर्मचारियों के साथ इस भ्रष्टाचार के खेल में कुछ अधिकारियों सहित अन्य लोगों की साठगांठ की आशंका है. इसके मद्देनजर उनसे विस्तृत पूछताछ की आवश्यकता बतायी गई. ऐसे में सीबीआई के इस तर्क को मानते हुए अदालत ने दोनों आरोपियों को 3 दिन की CBI रिमांड पर भेजने के आदेश दिए.
जमीन दाखिल खारिज करने के नाम पर ली गई थी रिश्वत की रकम: दो दिन पहले देहरादून के गढ़ी कैंट बोर्ड में तैनात कार्यालय अधीक्षक शैलेंद्र शर्मा और क्लर्क रमन अग्रवाल को 25 हजार की रिश्वत लेते सीबीआई ने रंगे हाथों पकड़ा था. आरोपी कर्मचारियों ने एक शिकायतकर्ता के जमीन मकान का दाखिल खारिज कराने के एवज में 50 हजार रुपये की डिमांड की थी.
हालांकि, सौदेबाजी कर 25 हजार में रिश्वत की रकम तय हुई. ऐसे में शिकायतकर्ता से पैसे लेते वक्त सीबीआई ने सूचना के आधार पर कैंट बोर्ड में लिपिक कर्मी रमन अग्रवाल को रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. सीबीआई की पूछताछ में रमन अग्रवाल ने बताया कि इस कारनामे के लिए उसको कार्यालय अधीक्षक शैलेंद्र शर्मा ने कहा था. ऐसे में सीबीआई ने शैलेंद्र शर्मा को भी भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया.
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कैंट बोर्ड पर भ्रष्टाचार का आरोप: कैंट बोर्ड में नक्शा पास कराने से लेकर दाखिल खारिज कराने जैसे कामों के लिए रिश्वत लेने का यह पहला मामला नहीं है. विगत वर्षों से इस तरह की शिकायतें लगातार आती रही हैं. हालांकि, धरपकड़ की कार्रवाई कभी कभार ही सामने आती है. फिलहाल, सीबीआई (CBI) आरोपित लोगों से दस्तावेज कब्जे में लेकर छानबीन में जुट गई है.