देहरादून: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार (NCRB 2021 report) उत्तराखंड सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) के लिए एक सुरक्षित राज्य (safe state for senior citizens) है. जबकि मध्य प्रदेश सीनियर सिटीजन के लिए असुरक्षित राज्यों की श्रेणी में सबसे ऊपर है. इसके बाद छत्तीसगढ़ और हिमाचल का नंबर आता है, जो सीनियर सिटीजन के रहने के लिए सुरक्षित राज्य नहीं है.
2021 में पहाड़ी राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ कुल 419 अपराध दर्ज किए गए हैं. 2019 के बाद से 152% की वृद्धि हुई, जब केवल 166 ऐसे अपराध दर्ज किए गए और 2020 में 394 की तुलना में 6.3% की वृद्धि हुई. हिमाचल का पड़ोसी राज्य उत्तराखंड 0.8 से कम अपराध दर के साथ श्रेणी में सबसे सुरक्षित (Uttarakhand is safe stat) है. हिमाचल के अन्य दोनों पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में क्रमश 11.7 और 48.1 हैं, जबकि लद्दाख सहित तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य में यह सिर्फ 4.4 था.
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आंकड़ों (National Crime Records Bureau) से पता चलता है कि मध्य प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक आयु के) के खिलाफ अपराधों की दर 92.3 है, जबकि छत्तीसगढ़ 70 के साथ दूसरे स्थान पर है. वहीं हिमाचल प्रदेश 59.6 के साथ तीसरे स्थान पर है, जो राष्ट्रीय औसत 25.1 से अधिक है. अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर अपराधों की संख्या है.
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बुजुर्ग व्यक्तियों के खिलाफ प्रति लाख जनसंख्या पर 101.7 की उच्चतम अपराध दर दर्ज की. हिमाचल प्रदेश में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के 7 लाख व्यक्ति हैं, जो इसकी कुल जनसंख्या का 10.2 है, जो राष्ट्रीय औसत 8.6 (जनगणना 2011) से अधिक है.
राज्य में वरिष्ठ नागरिकों की हत्या के दस मामले दर्ज किए गए, जिनमें दो बलात्कार, चार हत्या का प्रयास, 67 साधारण चोट, 29 गंभीर चोट, महिला पर हमले के 12 मामले उसकी शील भंग करने के इरादे से (354 आईपीसी), आपराधिक अतिचार के 74 मामले, 23 जालसाजी और धोखाधड़ी के पांच, धोखाधड़ी के पांच और आपराधिक धमकी के 26 मामले.
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साल 20220 के आंकड़े: साल 2020 में देश में वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े अपराध के 24,794 मामले दर्ज किये गये हैं. NCRB की रिपोर्ट के अनुसार देश में सीनियर सिटीजन के साथ अपराध की बात करें तो महाराष्ट्र में 2020 में सर्वाधिक 4909 मामले दर्ज किए गए थे. मध्य प्रदेश 4602 मामलों के साथ दूसरे और गुजरात 2785 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर थे. साल 2020 में वरिष्ठ नागरिकों के साथ सबसे कम अपराध के हिसाब से देखें तो मणिपुर में सात, असम में छह, झारखंड में दो, मेघालय में तीन, सिक्किम में दो और उत्तराखंड में चार मामले दर्ज किए गए थे.