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युवा डॉक्टरों के लिए वर्कशॉप का आयोजन, सर्जरी की नई तकनीक की दी गई जानकारी

देहरादन में आयोजित की गई इस वर्कशॉप में जूनियर सर्जन के अलावा इन्टर्न सर्जन, कंसल्टेंट्स व मेडिकल कॉलेजों मे कार्यरत सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसरों को अत्याधुनिक मशीनों के जरिए कई नई जानकारियों दी गईं.

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Published : Apr 29, 2019, 9:29 AM IST

युवा डॉक्टरों के लिए वर्कशॉप का आयोजन

देहरादून: प्रदेश में डॉक्टर की कमी किसी से छुपी नहीं है. सूबे में कई हॉस्पिटलों में डॉक्टरों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जाता है कि विशेषज्ञों को उच्च स्तरीय तकनीकों को हासिल करने के लिए अन्य प्रदेशों की ओर रुख करना पड़ता है. इसी कड़ी में देहरादून में पहली बार एक ऐसी वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें डॉक्टरों को सर्जरी के क्षेत्र में नई तकनीक की जानकारी अत्याधुनिक मशीनों के जरिये प्रदान की गई.

पढ़ें- यूं ही नहीं कहते उत्तराखंड को देवभूमि, 14 प्रयागों में से 5 प्रयाग हैं यहां, हर प्रयाग का अपना अलग महत्व

देहरादन में आयोजित की गई इस वर्कशॉप में जूनियर सर्जन के अलावा इन्टर्न सर्जन, कंसल्टेंट्स व मेडिकल कॉलेजों मे कार्यरत सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसरों को अत्याधुनिक मशीनों के जरिए कई नई जानकारियों दी गईं.

युवा डॉक्टरों के लिए वर्कशॉप का आयोजन

वर्कशॉप में दून मेडिकल कॉलेज के अलावा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ऋषिकेश, महंत इंद्रेश अस्पताल व हिमालयन इंस्टीट्यूट के एमबीबीएस छात्रों ने भी हिस्सा लिया. जो सर्जरी के क्षेत्र मे अपनी ख्याति अर्जित करना चाहते हैं.

वर्कशॉप का आयोजन कर रहे गेस्ट्रो सर्जन डॉ. विपुल कंडवाल ने बताया कि इस वर्कशॉप को आयोजित करने का मकसद है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा सके, क्योंकि प्रदेश में डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव बना हुआ है.

उन्होंने कहा कि पहले इस तरह की वर्कशॉप दिल्ली या मुंबई आयोजित की जाती थी, लेकिन पहली बार उत्तराखंड के चिकित्सकों के लिए राजधानी देहरादून में वर्कशॉप लगाई गई है. ताकि युवा डॉक्टर्स चिकित्सा क्षेत्र में नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त करें और इसका पूरा लाभ उठा सकें.

वर्कशॉप में प्रशिक्षण के उपरांत ही लाइव प्रोग्राम का कार्यक्रम भी रखा गया. दिल्ली के गंगाराम अस्पताल की फैकल्टी ने लाइव सर्जरी को प्रदर्शित किया, ताकि प्रत्येक स्टूडेंट्स को सीखने का अवसर मिल सके.

देहरादून: प्रदेश में डॉक्टर की कमी किसी से छुपी नहीं है. सूबे में कई हॉस्पिटलों में डॉक्टरों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जाता है कि विशेषज्ञों को उच्च स्तरीय तकनीकों को हासिल करने के लिए अन्य प्रदेशों की ओर रुख करना पड़ता है. इसी कड़ी में देहरादून में पहली बार एक ऐसी वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें डॉक्टरों को सर्जरी के क्षेत्र में नई तकनीक की जानकारी अत्याधुनिक मशीनों के जरिये प्रदान की गई.

पढ़ें- यूं ही नहीं कहते उत्तराखंड को देवभूमि, 14 प्रयागों में से 5 प्रयाग हैं यहां, हर प्रयाग का अपना अलग महत्व

देहरादन में आयोजित की गई इस वर्कशॉप में जूनियर सर्जन के अलावा इन्टर्न सर्जन, कंसल्टेंट्स व मेडिकल कॉलेजों मे कार्यरत सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसरों को अत्याधुनिक मशीनों के जरिए कई नई जानकारियों दी गईं.

युवा डॉक्टरों के लिए वर्कशॉप का आयोजन

वर्कशॉप में दून मेडिकल कॉलेज के अलावा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ऋषिकेश, महंत इंद्रेश अस्पताल व हिमालयन इंस्टीट्यूट के एमबीबीएस छात्रों ने भी हिस्सा लिया. जो सर्जरी के क्षेत्र मे अपनी ख्याति अर्जित करना चाहते हैं.

वर्कशॉप का आयोजन कर रहे गेस्ट्रो सर्जन डॉ. विपुल कंडवाल ने बताया कि इस वर्कशॉप को आयोजित करने का मकसद है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा सके, क्योंकि प्रदेश में डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव बना हुआ है.

उन्होंने कहा कि पहले इस तरह की वर्कशॉप दिल्ली या मुंबई आयोजित की जाती थी, लेकिन पहली बार उत्तराखंड के चिकित्सकों के लिए राजधानी देहरादून में वर्कशॉप लगाई गई है. ताकि युवा डॉक्टर्स चिकित्सा क्षेत्र में नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त करें और इसका पूरा लाभ उठा सकें.

वर्कशॉप में प्रशिक्षण के उपरांत ही लाइव प्रोग्राम का कार्यक्रम भी रखा गया. दिल्ली के गंगाराम अस्पताल की फैकल्टी ने लाइव सर्जरी को प्रदर्शित किया, ताकि प्रत्येक स्टूडेंट्स को सीखने का अवसर मिल सके.

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उत्तराखंड प्रदेश में डॉक्टर की कमी तो है ही साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव भी बना हुआ है, इसका सबसे बड़ा कारण यह माना जाता है कि विशेषज्ञों को उच्च स्तरीय तकनीको को हासिल करने के लिए अन्य प्रदेशों की ओर रुख करना पड़ता है लेकिन पहली बार देहरादून में एक ऐसी वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें जूनियर सर्जन के अलावा इन्टर्नस, सर्जन, कंसल्टेंट्स,व मेडिकल कॉलेजो मे कार्यरत सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसरों को सर्जरी के क्षेत्र में नई तकनीकों की जानकारियां अत्याधुनिक मशीनों के जरिये प्रदान की गईं। वर्क शॉप मे शल्य चिकित्सकों ने अत्याधुनिक मशीनों को अपने हाथों से ऑपरेट करते हुए ये जानने की कोशिश करी कि आखिर सर्जन बिना चीर फाड़ के कैसे नई तकनीकों के माध्यम से ऑपरेशंस को अंजाम दे सकते हैं। वर्कशॉप मे दून मेडिकल कॉलेज के अलावा ऐम्स,इंद्रेश,हिमालयन इंस्टीट्यूट के एमबीबीएस छात्र छात्राओं ने भी हिस्सा लिया जो सर्जरी के क्षेत्र मे अपनी ख्याति अर्जित करना चाहते हैं।


Body: वहीं नई तकनीकों से निजात वर्कशॉप का आयोजन कर रहे जाने माने गेस्ट्रो सर्जन डॉ विपुल कंडवाल ने बताया कि इस वर्कशॉप को आयोजित करने का मकसद यह है कि प्रदेश में डॉक्टरोंऔर स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव बना हुआ है, इसी उद्देश्य से युवा चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया । पूर्व मे इस तरह की वर्कशॉप दिल्ली या मुंबई आयोजित की जाती थी लेकिन पहली बार उत्तराखंड के चिकित्सकों के लिए राजधानी देहरादून में वर्कशॉप लगाई गई है। ताकि युवा डॉक्टर्स चिकित्सा क्षेत्र मे नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त करने के साथ ही इसका पूरा लाभ उठा सकें।
बाईट-डॉ विपुल कंडवाल,सीनियर गेस्ट्रो सर्जन।


Conclusion:वहीँ वर्कशॉप मे प्रशिक्षण के उपरांत ही लाइव प्रोग्राम का कार्यक्रम भी रखा गया जिसमे दिल्ली के गंगाराम अस्पताल की फैकल्टी ने लाइव सर्जरी को प्रदर्शित किया,ताकि प्रत्येक स्टूडेंट्स को सीखने का अवसर मिल सके।
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