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भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए AAP कार्यकर्ताओं ने  नगर निगम में किया प्रदर्शन - नगर निगम देहरादून

आप कार्यकर्ताओं ने नगर निगम में कूड़ा उठान में चल रहे व्याप्त भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया है. आप नेता हिमांशु पुंडीर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की और अपना आक्रोश व्यक्त किया.

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Published : Mar 6, 2021, 11:09 AM IST

देहरादून: आम आदमी पार्टी ने नगर निगम में कूड़ा उठान में चल रहे व्याप्त भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया है. आप नेता हिमांशु पुंडीर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की और अपना आक्रोश व्यक्त किया.

आप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि निगम के अधिकारी बेखौफ होकर फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं, जो जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार पर सवाल खड़े कर रही है. आप नेता हिमांशु पुंडीर का कहना है कि देहरादून से प्रतिदिन 300 टन कूड़ा निकलता है. लेकिन निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने कूड़ा उठान को लेकर साल 2015 से साल 2019 के बीच दो कंपनियों को प्रमाण पत्र जारी किए थे, जिसमें एक कंपनी को 310 टन प्रतिदिन कूड़ा उठाने और जबकि दूसरी कंपनी को ढाई सौ टन प्रतिदिन कूड़ा उठाने का प्रमाण पत्र जारी किया गया. इस हिसाब से प्रतिदिन 560 टन कूड़ा उठाने का प्रमाण पत्र निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने जारी किया. हिमांशु पुंडीर ने आरोप लगाते हुए कहा कि निगम के स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा व्यापक पैमाने पर कूड़ा उठान में भ्रष्टाचार किया जा रहा है.

पढ़ें: जलेबी की चाशनी में डूबोकर हरदा ने कसा तंज, बोले- घाट जाकर माफी मांगें सीएम

आप कार्यकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि संबंधित अधिकारी जिसने यह प्रमाण पत्र जारी किए हैं और जिसमें निविदा जांच में भी इन प्रमाण पत्र को सही करार दिया है. ऐसे अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाए.

आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर उठाए ये सवाल.

  • ट्रैक्टर ट्रॉली किराए पर चलाने वाले ठेकेदार को वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने फर्जी सर्टिफिकेट क्यों जारी किये हैं.
  • डॉ. आरके सिंह की मूल तैनाती मसूरी में है तो वे देहरादून में क्यों डटे हुए हैं.
  • उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 के तहत ढ़ाई लाख से ऊपर के टेंडर को ई-टेंडर के जरिए निकालने का प्रावधान है, तो टेंडर ऑफलाइन क्यों कराया गया.
  • ऑफलाइन टेंडर निकालने के लिए वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके सिंह पर कार्रवाई से क्यों घबरा रहे हैं अधिकारी.
  • निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिंह को आखिर किसका संरक्षण प्राप्त है.
  • क्या ठेकेदार के सभी दस्तावेजों की जांच नियमानुसार और टेंडर की शर्तों के अनुसार की गई है.

देहरादून: आम आदमी पार्टी ने नगर निगम में कूड़ा उठान में चल रहे व्याप्त भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया है. आप नेता हिमांशु पुंडीर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की और अपना आक्रोश व्यक्त किया.

आप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि निगम के अधिकारी बेखौफ होकर फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं, जो जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार पर सवाल खड़े कर रही है. आप नेता हिमांशु पुंडीर का कहना है कि देहरादून से प्रतिदिन 300 टन कूड़ा निकलता है. लेकिन निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने कूड़ा उठान को लेकर साल 2015 से साल 2019 के बीच दो कंपनियों को प्रमाण पत्र जारी किए थे, जिसमें एक कंपनी को 310 टन प्रतिदिन कूड़ा उठाने और जबकि दूसरी कंपनी को ढाई सौ टन प्रतिदिन कूड़ा उठाने का प्रमाण पत्र जारी किया गया. इस हिसाब से प्रतिदिन 560 टन कूड़ा उठाने का प्रमाण पत्र निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने जारी किया. हिमांशु पुंडीर ने आरोप लगाते हुए कहा कि निगम के स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा व्यापक पैमाने पर कूड़ा उठान में भ्रष्टाचार किया जा रहा है.

पढ़ें: जलेबी की चाशनी में डूबोकर हरदा ने कसा तंज, बोले- घाट जाकर माफी मांगें सीएम

आप कार्यकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि संबंधित अधिकारी जिसने यह प्रमाण पत्र जारी किए हैं और जिसमें निविदा जांच में भी इन प्रमाण पत्र को सही करार दिया है. ऐसे अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाए.

आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर उठाए ये सवाल.

  • ट्रैक्टर ट्रॉली किराए पर चलाने वाले ठेकेदार को वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने फर्जी सर्टिफिकेट क्यों जारी किये हैं.
  • डॉ. आरके सिंह की मूल तैनाती मसूरी में है तो वे देहरादून में क्यों डटे हुए हैं.
  • उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 के तहत ढ़ाई लाख से ऊपर के टेंडर को ई-टेंडर के जरिए निकालने का प्रावधान है, तो टेंडर ऑफलाइन क्यों कराया गया.
  • ऑफलाइन टेंडर निकालने के लिए वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके सिंह पर कार्रवाई से क्यों घबरा रहे हैं अधिकारी.
  • निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिंह को आखिर किसका संरक्षण प्राप्त है.
  • क्या ठेकेदार के सभी दस्तावेजों की जांच नियमानुसार और टेंडर की शर्तों के अनुसार की गई है.
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