देहरादून: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को जीरो वर्क सीएम बताया है. उन्होंने कहा कि सीएम ने अपने पिछले चार सालों में जनहित के कोई काम नहीं किए है. इसलिए आम आदमी पार्टी और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री लगातार पांच विकास के कामों को गिनवाने की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मीडिया के एक सर्वे में भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पूरे भारत में सबसे खराब मुख्यमंत्रियों की श्रेणी में सबसे ऊपर रखा गया है. जो उत्तराखंड के लिए भी बेहद शर्म की बात है.
बता दें कि आप अध्यक्ष पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर ने प्रेस वर्ता कर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी लगातार उत्तराखंड की जनता से यही कह रही थी त्रिवेंद्र सरकार ने कोई काम नहीं किया. ये सरकार जनता को लगातार बरगलाने का काम कर रही थी.
आज आप की कही बातों पर मीडिया और ताजा हुए सर्वे ने भी मुहर लगा दी है. इस सर्वे में नापसंद के मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले पायदान पर हैं. वहीं, हरियाणा बीजेपी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दूसरे, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तीसरे नंबर पर हैं. मुख्यमंत्रियों की श्रेणी में जनता की पहली पसंद उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, दूसरा नंबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिला. इस सर्वे में देश की सभी लोकसभा के 543 सीटों पर सर्वे किया गया था.
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वहीं, आप अध्यक्ष एसएस कलेर ने बताया कि जिस तरह उत्तराखंड के हालत पिछले चार सालों में बदहाल हो चुके है. युवाओं को रोजगार के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा, बेरोजगारी दरें देश में सबसे ज्यादा उत्तराखंड में है. कर्मचारी संगठन सड़कों पर आंदोलन को मजबूर है.
ये बात अब उत्तराखंड की जनता अच्छे तरह से समझ चुकी है कि पिछले चार सालों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कोई काम नहीं किए हैं.दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जनहित के कोई भी पांच कामों पर डिबेट की चुनौती दी थी. लेकिन ना वो आए और ना ही उनके कोई भी मंत्री.
अल्मोड़ा में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस
आम आदमी पार्टी अल्मोड़ा के संगठन मंत्री मनोज गुप्ता ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि आदमी पार्टी लगातार उत्तराखंड की जनता को ये बताती आ रही है कि त्रिवेंद्र सरकार ने कोई काम नहीं किया. विकास के आंकड़े गलत तरीके से जनता के सामने दिखाए जा रहे हैं. ये सरकार जनता को बरगलाने का काम लगातार कर रही है. पिछले चार साल में उत्तराखंड बदहाल हो चुका है.