देहरादूनः उत्तराखंड आम आदमी पार्टी ने प्रदेश से हो रहे पलायन की मुख्य वजह प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को बताया है. आम आदमी पार्टी के नेता रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल ने स्वास्थ्य सुविधा को लेकर आई कैग की रिपोर्ट के आधार पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति पलायन का मुख्य कारण है.
अजय कोठियाल ने कहा कि उत्तराखंड की जनता के स्वास्थ्य के प्रति सरकार लापरवाह है. अजय कोठियाल का कहना है कि आज भी पर्वतीय जिलों के कई अस्पतालों में डॉक्टरों, दवाइयों और मशीनों का अभाव बना हुआ है. वहीं, गर्भवती महिलाओं को बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि हिमालय राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में स्वास्थ्य का सबसे कम बजट और खराब व्यवस्थाएं हैं. अजय कोठियाल ने कहा कि आज स्वास्थ्य और शिक्षा का अभाव पहाड़ों में हो रहे पलायन का मुख्य कारण है.
आप नेता कोठियाल ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए सरकार को स्वास्थ्य में ज्यादा से ज्यादा खर्च करना चाहिए. लेकिन कैग की रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड स्वास्थ्य में सबसे कम रेवेन्यू 6.8 प्रतिशत खर्च करने वाला राज्य है. कैग ने स्वास्थ्य में एक्सपेंडीचर बढ़ाने की भी सलाह दी है.
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उन्होंने कहा कि आज अस्पताल में चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफ, दवाइयों और एयर एंबुलेंस फैसिलिटी का अभाव बना हुआ है. इस प्रदेश के लिए एयर एंबुलेंस इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यहां प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं. लेकिन इसके ठीक उलट बजट रिड्यूस किया जा रहा है.
अजय कोठियाल का कहना है कि पहले 2018 में 199 करोड़ रुपये स्वास्थ्य विभाग का बजट हुआ करता था. लेकिन 2020 में इसे घटाकर 97 करोड़ रुपये कर दिया गया. अजय कोठियाल ने कहा कि अगर प्रदेश में आप की सरकार बनती है तो प्रदेशवासियों को मुफ्त बिजली के साथ ही दिल्ली की तरह बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी.
दिल्ली में आप ने साधा निशाना: दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने उत्तराखंड सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार उत्तराखंड में बनी, तो यहां पर भी दिल्ली की ही तरह लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई जाएगी.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2018-19 में राज्य का स्वास्थ्य बजट 188 करोड़ रुपये था, जो कि वर्ष 2019 से 20 में घटकर 97 करोड़ कर दिया गया. उत्तराखंड में स्वास्थ्य के लिए प्रति व्यक्ति पर मात्र 5.25 पैसे ही खर्च किये जाते हैं.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उत्तराखंड में मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली की वजह से कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. अभी 65,982 करोड़ का कर्जा है. वहीं, एक साल में सरकार ने करीब 5,100 करोड़ रुपये का लोन लिया है. कई निकायों में पर्याप्त नकद राशि है. इसके बावजूद भी राज्य सरकार ऊंची दरों पर लोन ले रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की नाकामी की वजह से उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल होने के कारण हजारों गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हो जाती है. उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी सत्ता में अगर आती है, तो दिल्ली की तर्ज पर बेहतर और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड की जनता को भी मिलेगी.