मसूरी: उत्तराखंड आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने प्रदेश सरकार को जोशीमठ आपदा से निपटने को लेकर फेल बताया है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आई आपदा को लेकर जब तक सरकार यह तय नहीं करती कि यह दैवीय आपदा है तब तक जोशीमठ के लोगों के साथ न्याय होना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार एनटीपीसी को बचाए जाने को लेकर जोशीमठ की आपदा को दैवीय आपदा घोषित करना चाहती है.
उन्होंने कहा कि जोशीमठ में एक साल पहले से दरार आना शुरू हो गई थी, जिसको लेकर लगातार जोशीमठ के लोग आंदोलन कर रहे थे. परंतु सरकार और प्रशासनिक अमले ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और आज जोशीमठ बर्बादी की कगार पर है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जोशीमठ में आपदा से ग्रसित लोगों को कहां पर स्थापित किया जाएगा, इसको लेकर अभी तक जगह चिन्हित नहीं की गई है. कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई गई है. जियोलॉजिकल सर्वे पूरा नहीं किया गया है. वहीं मुआवजा देने का क्या पैमाना होगा, अभी इसका भी अता पता नहीं है. उन्होंने कहा कि बात करना और काम करना दो अलग-अलग बातें हैं.
पढ़ें-Joshimath Sinking: जोशीमठ आपदा में अकेले जूझ रहे सीएम धामी, स्थलीय निरीक्षण भी नहीं कर रहे मंत्री !
बिष्ट ने कहा कि जोशीमठ को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा बड़ी बड़ी बातें की जा रही हैं. परन्तु वह घोषणा कब पूरी होगी उसको लेकर कैबिनेट कब निर्णय लेगा इसका पता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा उत्तराखंड के पहाड़ों में लगाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं का शुरू से ही विरोध किया है और इसको लेकर उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपना एफिडेविट भी दिया था कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की परियोजनायें खतरनाक साबित होंगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी उमा भारती की बात ना सुनी. उन्होंने कहा कि भाजपा की उत्तराखंड की सरकार जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के साथ न्याय नहीं कर पा रही है. उससे बड़ी बात यह है कि सरकार द्वारा शिगूफा छोड़ा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पल-पल के मोनोप्रिंट जोशीमठ को लेकर कर रहे हैं.
पढ़ें-Joshimath Update: प्रभावितों को सरकार देगी रोजाना 950 रुपए! मवेशियों के चारे के लिए भी मिलेंगे पैसे
परंतु दुर्भाग्यवश अभी तक जोशीमठ को लेकर कोई राहत पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री के द्वारा नहीं की गई है. उन्होंने भर्ती घोटाले पर भी सरकार को घेरने का काम किया. उन्होंने कहा कि हाल में ही पटवारी का पेपर लीक होने से सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पोल खुल चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा एसटीएफ से भर्ती घोटाले को लेकर जांच हटाकर एसआईटी को दे दी गई है, क्योंकि सरकार को एसटीएफ द्वारा लगातार भर्ती घोटाले को लेकर किए जा रहे खुलासे रास नहीं आ रहे थे. उन्होंने कहा कि जब तक नकल माफियाओं पर नकेल कस कर उनको सजा नहीं दी जाएगी, तब तक प्रदेश में पेपर लीक जैसे मामले रुकने वाले नहीं क्योंकि पेपर लीक में प्रदेश के सफेदपोश लोग शामिल हैं.