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Uttarakhand local body election: निकाय चुनाव में कांग्रेस को कमजोर करना चाहती है आप, बिष्ट ने उड़ाई खिल्ली - uttarakhand local body election

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी निकाय चुनाव के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. पार्टी प्रदेश में जनता के बीच जाकर दिल्ली मॉडल पर चर्चा करती दिखाई दे रही है. पार्टी का लक्ष्य लोगों को अपने साथ जोड़कर बीजेपी से दो-दो हाथ करने का है.

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Published : Jan 16, 2023, 7:39 AM IST

निकाय चुनाव पर आप की नजर

देहरादून: प्रदेश की सियासत में काबिज होने के लिए आम आदमी पार्टी लगातार प्रयास कर रही है. वहीं पार्टी के बड़े नेता उत्तराखंड में डेरा डालते रहते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान करारी हार झेलने वाली आम आदमी पार्टी ने निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस को निशाना बनाते हुए भाजपा से मुकाबले की तैयारी कर रही है. आम आदमी पार्टी प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी बनने का प्रयास कर रही है. लिहाजा कांग्रेस पर निशाना साधकर भी पार्टी की निगाहें भाजपा पर हैं.

निकाय चुनाव में मुकाबले की तैयारी: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. इस दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी मजबूती से चुनाव लड़ने के प्रयास में हैं. लेकिन इन तमाम तैयारियों के बीच आम आदमी पार्टी अपने एक खास एजेंडे के तहत निकाय चुनाव को फोकस कर रही है. दरअसल, विधानसभा चुनाव में मात खाने के बाद आम आदमी पार्टी निकाय चुनाव को जीत कर प्रदेश में दाखिल होने की कोशिश कर रही है. इस दौरान आम आदमी पार्टी की कोशिश चुनाव में भाजपा के मुकाबले में आने की है. आम आदमी पार्टी की कोशिश कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल कर निकायों में भाजपा के बराबर खड़ा होने की है.
पढ़ें-Patwari Paper Leak: CM धामी बोले- नकल करने में छात्र 10 साल तक किसी भी भर्ती परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे

कांग्रेस को कमजोर कर रही आप: हालांकि आम आदमी पार्टी अपनी इस रणनीति को बयां नहीं कर रही, लेकिन पार्टी के नेता यह जरूर मान रहे हैं कि वह अपना सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से मानते हैं. आम आदमी पार्टी भले ही विधानसभा चुनाव में जीत ना सकी हो, लेकिन दिल्ली में नगर निगम चुनाव की रणनीति के सहारे वो उत्तराखंड में भी अपनी जीत की भूमिका तैयार कर रही है. दिल्ली चुनाव के फार्मूले पर ही उत्तराखंड को जीतने का भी पार्टी ने दावा किया है. लेकिन इस सब के बीच खास बात यह है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस को राज्य में कमजोर बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.
पढ़ें-UKPSC अभ्यर्थियों ने की गणेश जोशी से मुलाकात, आगामी परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग

कांग्रेस ने बताया मुंगेरीलाल के हसीन सपने: हालांकि कांग्रेस आम आदमी पार्टी के इन प्रयासों को मुंगेरीलाल के हसीन सपने बता रही है. कांग्रेस की मानें तो विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को अपने प्रत्याशियों की जमानत जब्त करवानी पड़ी थी. अब निकाय चुनाव में भी आम आदमी पार्टी का यही हाल होने वाला है. न केवल कांग्रेस राज्य में आम आदमी पार्टी के अस्तित्व पर सवाल खड़े करती है, बल्कि भाजपा भी मानती है कि राज्य में आम आदमी पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है. हमेशा की तरह कांग्रेस और भाजपा ही मुकाबले में रहने वाली हैं. भाजपा की नेता मधु भट्ट कहती हैं कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में राजनीतिक रूप से अपना वर्चस्व कायम नहीं कर सकती. दिल्ली की तरह उत्तराखंड में निकाय चुनाव पर उसकी कोई संभावनाएं नहीं है. उत्तराखंड में केवल भाजपा ही निकाय चुनाव को बड़े अंतर से जीतने वाली है.

निकाय चुनाव पर आप की नजर

देहरादून: प्रदेश की सियासत में काबिज होने के लिए आम आदमी पार्टी लगातार प्रयास कर रही है. वहीं पार्टी के बड़े नेता उत्तराखंड में डेरा डालते रहते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान करारी हार झेलने वाली आम आदमी पार्टी ने निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस को निशाना बनाते हुए भाजपा से मुकाबले की तैयारी कर रही है. आम आदमी पार्टी प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी बनने का प्रयास कर रही है. लिहाजा कांग्रेस पर निशाना साधकर भी पार्टी की निगाहें भाजपा पर हैं.

निकाय चुनाव में मुकाबले की तैयारी: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. इस दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी मजबूती से चुनाव लड़ने के प्रयास में हैं. लेकिन इन तमाम तैयारियों के बीच आम आदमी पार्टी अपने एक खास एजेंडे के तहत निकाय चुनाव को फोकस कर रही है. दरअसल, विधानसभा चुनाव में मात खाने के बाद आम आदमी पार्टी निकाय चुनाव को जीत कर प्रदेश में दाखिल होने की कोशिश कर रही है. इस दौरान आम आदमी पार्टी की कोशिश चुनाव में भाजपा के मुकाबले में आने की है. आम आदमी पार्टी की कोशिश कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल कर निकायों में भाजपा के बराबर खड़ा होने की है.
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कांग्रेस को कमजोर कर रही आप: हालांकि आम आदमी पार्टी अपनी इस रणनीति को बयां नहीं कर रही, लेकिन पार्टी के नेता यह जरूर मान रहे हैं कि वह अपना सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से मानते हैं. आम आदमी पार्टी भले ही विधानसभा चुनाव में जीत ना सकी हो, लेकिन दिल्ली में नगर निगम चुनाव की रणनीति के सहारे वो उत्तराखंड में भी अपनी जीत की भूमिका तैयार कर रही है. दिल्ली चुनाव के फार्मूले पर ही उत्तराखंड को जीतने का भी पार्टी ने दावा किया है. लेकिन इस सब के बीच खास बात यह है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस को राज्य में कमजोर बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.
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कांग्रेस ने बताया मुंगेरीलाल के हसीन सपने: हालांकि कांग्रेस आम आदमी पार्टी के इन प्रयासों को मुंगेरीलाल के हसीन सपने बता रही है. कांग्रेस की मानें तो विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को अपने प्रत्याशियों की जमानत जब्त करवानी पड़ी थी. अब निकाय चुनाव में भी आम आदमी पार्टी का यही हाल होने वाला है. न केवल कांग्रेस राज्य में आम आदमी पार्टी के अस्तित्व पर सवाल खड़े करती है, बल्कि भाजपा भी मानती है कि राज्य में आम आदमी पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है. हमेशा की तरह कांग्रेस और भाजपा ही मुकाबले में रहने वाली हैं. भाजपा की नेता मधु भट्ट कहती हैं कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में राजनीतिक रूप से अपना वर्चस्व कायम नहीं कर सकती. दिल्ली की तरह उत्तराखंड में निकाय चुनाव पर उसकी कोई संभावनाएं नहीं है. उत्तराखंड में केवल भाजपा ही निकाय चुनाव को बड़े अंतर से जीतने वाली है.

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