देहरादून: आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड की अब तक की सरकारों पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं. आप का कहना है कि उत्तराखंड की पूर्ववर्ती कांग्रेस और भाजपा सरकारों के राज में घोटालों की भरमार हो रखी है. पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने भारतीय महालेखा परीक्षक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार की 2021-22 की जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, उसमें प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में करोड़ों रुपए के घोटालों के आरोप हैं.
उन्होंने कहा कि इस घोटाले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी पावर कारपोरेशन में हुई है. इसके अलावा अधिकांश विभागों में भी गड़बड़ियां पाई गई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि घोटाला वर्तमान मुख्यमंत्री के कार्यकाल में भी हुआ है, लेकिन सब कुछ मैनेज कर लिया गया है. यहां तक कि सदन में इस विषय पर कांग्रेस भी मौन साधे रही. जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि विधानसभा के मानसून सत्र में सदन के पटल पर प्रस्तुत भारतीय महालेखा परीक्षक की एक रिपोर्ट ने सरकारों के वित्तीय व्यय के अव्यवस्थित खर्चे पर महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं और कैग की यह रिपोर्ट अत्यंत चिंताजनक है.
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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2005 से 2021 तक की कार्य अवधि में राज्य की तत्कालीन सरकारों ने अपने कार्यकाल में विभिन्न मदों में 47,758 करोड़ रुपए की रकम को खर्च करना तो दिखाया है, लेकिन इतनी लंबी समयावधि बीतने के बावजूद इस खर्च की गई राशि का अनुमोदन विधानसभा से प्राप्त नहीं किया गया है. इसके अलावा खर्च की गई भारी भरकम राशि उत्तराखंड सरकार के लगभग 1 साल के बजट के बराबर है. उन्होंने खर्च करने की अनुमति विधानसभा से प्राप्त नहीं किए जाने पर इसे वित्तीय अनियमितता बताया है.
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आम आदमी पार्टी का कहना है कि भारत के संविधान में स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 204 और 205 में व्यवस्था है कि राज्य में निर्वाचित सरकार की अनुमति के बिना किसी भी मद में कोई भी विभाग एक रुपए खर्च नहीं कर सकता है, तो फिर इतने लंबे अंतराल तक बिना सदन की अनुमति के कैसे पैसा खर्च किया जाता रहा? कैग ने इसे संविधान के अनुच्छेद 204 और 205 का उल्लंघन बताया है. कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आप का कहना है कि 2005 से 2020-21 के दौरान बिना सदन की अनुमति के 47,758.16 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए. साथ ही आप ने इसे राज्य की सबसे बड़ी अनियमितता बताया है. वहीं दोषियों के खिलाफ सीबीआई जांच कराने की मांग की.