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अस्पताल में बिलिंग के लिए लाइन में खड़े व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत, डॉक्टरों ने किया री-एग्जामिनेशन

दून मेडिकल कॉलेज में चेकअप कराने पहुंचे एक व्यक्ति की अस्पताल के बिलिंग काउंटर के पास ही हार्ट अटैक से मौत हो गई. डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दी थी. उधर, परिजनों को उसके मौत पर यकीन नहीं हुआ, जिसपर उन्होंने डॉक्टरों से मोर्चरी को खुलवाकर दोबारे से रीएग्जामिनेशन करवाने की मांग कर डाली. पुनः परीक्षण में व्यक्ति की मौत होने की पुष्टि के बाद परिजन शांत हुए.

अस्पताल में बिलिंग करवाने के दौरान एक व्यक्ति को आया हार्ट अटैक
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Published : Jun 24, 2019, 8:05 PM IST

देहरादूनःदून मेडिकल कॉलेज में नियमित तौर पर चेकअप कराने अस्पताल पहुंचे एक व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक आ गया. जिससे वो बिलिंग काउंटर के पास ही बेहोश होकर जमीन पर गिर गया. मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें उठाकर इमरजेंसी में पहुंचाया. जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

अस्पताल में बिलिंग करवाने के दौरान एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत.

जानकारी के मुताबिक चमन विहार निरंजनपुर के रहने वाले 53 वर्षीय राजेंद्र सिंह अस्वस्थ होने के बाद खुद का चेकअप कराने के लिए अस्पताल पंहुचे. इस दौरान डॉक्टरों ने उनकी पूर्व की रिपोर्ट जांचने के बाद उन्हें एडमिट होने की सलाह दी. जिसके बाद राजेंद्र सिंह बिलिंग काउंटर पर जाकर एडमिट होने की रसीद कटाने के लिए कतार में लगे. तभी वो अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर गए.

मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल अस्पताल में तैनात सिक्योरिटी गार्ड को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद सिक्योरिटी गार्ड और अस्पताल का स्टाफ उन्हें उठाकर इमरजेंसी में ले गए. जहां मौजूद इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने घटना की सूचना परिजनों को दी.

ये भी पढ़ेंः खेत में काम कर रहे किसान पर गिरी आकाशीय बिजली, प्रशासन ने दी चार लाख की सहायता राशि

उधर, राजेंद्र सिंह की मौत की सूचना के बाद परिजन अस्पताल पहुंचे. परिजनों का कहना है कि चलते-फिरते राजेंद्र सिंह की अचानक मौत कैसे हुई. इतना ही नहीं परिजनों ने दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. केके टम्टा से मृत घोषित किए गए राजेंद्र सिंह के पुनः निरीक्षण करने की मांग कर डाली. मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉ. केके टम्टा और विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दोबारा मोर्चरी खुलवाकर मृतक का रिएग्जामिनेशन किया. जिसके बाद परिजनों ने मौत होने की बात पर विश्वास किया.


वहीं, मामले पर दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसडी जोशी ने कहा कि राजेंद्र सिंह का बीते काफी समय से अस्पताल में आना जाना रहता था. वो समय-समय पर यहां आकर मरीजों की मदद भी किया करते थे, लेकिन आज अचानक उनकी अस्पताल में बिलिंग कराने के दौरान मौत हो गई. उन्होंने बताया कि उनके पास जो जांच पर्ची थी, उन्हें देखकर पता चला कि उन्हें मैसिव हार्ट अटैक आया था.

देहरादूनःदून मेडिकल कॉलेज में नियमित तौर पर चेकअप कराने अस्पताल पहुंचे एक व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक आ गया. जिससे वो बिलिंग काउंटर के पास ही बेहोश होकर जमीन पर गिर गया. मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें उठाकर इमरजेंसी में पहुंचाया. जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

अस्पताल में बिलिंग करवाने के दौरान एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत.

जानकारी के मुताबिक चमन विहार निरंजनपुर के रहने वाले 53 वर्षीय राजेंद्र सिंह अस्वस्थ होने के बाद खुद का चेकअप कराने के लिए अस्पताल पंहुचे. इस दौरान डॉक्टरों ने उनकी पूर्व की रिपोर्ट जांचने के बाद उन्हें एडमिट होने की सलाह दी. जिसके बाद राजेंद्र सिंह बिलिंग काउंटर पर जाकर एडमिट होने की रसीद कटाने के लिए कतार में लगे. तभी वो अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर गए.

मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल अस्पताल में तैनात सिक्योरिटी गार्ड को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद सिक्योरिटी गार्ड और अस्पताल का स्टाफ उन्हें उठाकर इमरजेंसी में ले गए. जहां मौजूद इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने घटना की सूचना परिजनों को दी.

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उधर, राजेंद्र सिंह की मौत की सूचना के बाद परिजन अस्पताल पहुंचे. परिजनों का कहना है कि चलते-फिरते राजेंद्र सिंह की अचानक मौत कैसे हुई. इतना ही नहीं परिजनों ने दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. केके टम्टा से मृत घोषित किए गए राजेंद्र सिंह के पुनः निरीक्षण करने की मांग कर डाली. मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉ. केके टम्टा और विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दोबारा मोर्चरी खुलवाकर मृतक का रिएग्जामिनेशन किया. जिसके बाद परिजनों ने मौत होने की बात पर विश्वास किया.


वहीं, मामले पर दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसडी जोशी ने कहा कि राजेंद्र सिंह का बीते काफी समय से अस्पताल में आना जाना रहता था. वो समय-समय पर यहां आकर मरीजों की मदद भी किया करते थे, लेकिन आज अचानक उनकी अस्पताल में बिलिंग कराने के दौरान मौत हो गई. उन्होंने बताया कि उनके पास जो जांच पर्ची थी, उन्हें देखकर पता चला कि उन्हें मैसिव हार्ट अटैक आया था.

Intro: कहते हैं कि मौत का ना समय होता है और ना ठिकाना। कुछ ऐसा ही हुआ दून मेडिकल कॉलेज में ,जहां चमन विहार निरंजनपुर आईटीआई के पास रहने वाले 53 वर्षीय राजेंद्र सिंह अस्वस्थ होने के बाद अपने आप को दिखाने के लिए अस्पताल पंहुचे। डॉक्टर ने उनकी पूर्व की रिपोर्ट जांचने के बाद अविलम्ब उन्हें एडमिट होने की सलाह दी, जब राजेंद्र सिंह बिलिंग काउंटर पर गए और एडमिट होने की रसीद कटाने के लिये कतार मे लगे, तभी वो अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। आनन-फानन में वहां मौजूद लोगों ने सिक्योरिटी गार्ड को बुलाया, और उन्हें उठाकर अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया जहां मौजूद इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद मृतक को अस्पताल की मोर्चरी मे रखवा दिया गया।
summary- राजेंद्र सिंह की मौत की सूचना के बाद जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो उन्हें भी विश्वास नहीं हुआ की चलते-फिरते राजेंद्र सिंह को मौत ने अपने आगोश में ले लिया है, उन्होंने दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ केके टम्टा से मृत घोषित किये गये राजेन्द्र सिंह के पुनः निरीक्षण करने की मांग कर डाली। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉ केके टम्टा और विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दोबारा मोर्चरी खुलवा कर मृतक का रीएग्जामिनेशन किया। आखिरकार तब जाकर परिजनों को विश्वास हुआ कि राजेंद्र सिंह की वाकई में मौत हो चुकी है।


Body: इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ एस डी जोशी के मुताबिक बीते काफी समय से मृतक राजेंद्र सिंह का अस्पताल में आना जाना था, वह समय-समय पर यहां आकर मरीजों की मदद भी क्या करते थे लेकिन आज अचानक उनकी अस्पताल मैं बिलिंग कराने के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद मृतक राजेंद्र सिंह को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। पुणे जब रीएग्जामिनेशन के लिए बुलाया गया तो उस दौरान राजेन्द्र सिंह की मौत हो चुकी थी। उनके पास जो जांचें थी उन्हें देखकर यह पता चला कि उन्हें मैसिव हार्ट अटैक आया था। डॉ एसडी जोशी ने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि चिकित्सक द्वारा किसी भी सलाह को हल्के में नहीं लिया जाए। अगर चिकित्सकों द्वारा हार्ट के मरीजों को कोई सलाह दी जाती है तो इसकी जानकारी तुरंत अपने परिजनों या फिर अपने पड़ोसी को जरूर दें।

बाईट- डॉक्टर एसडी जोशी, वरिष्ठ फिजिशियन ,दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion: हालांकि चिकित्सकों के मुताबिक मृतक को एडमिट होने की सलाह दी गई थी ऐसे में बिलिंग कराने के दौरान अचानक वह जमीन पर गिरे और उनकी मौत हो गई। आधे घंटे बाद परिजन जब दून अस्पताल पहुंचे तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि राजेंद्र सिंह की मौत हो चुकी है, उन्होंने अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट से दोबारा रीएग्जामिनेशन करने की मांग कर डाली, मोर्चरी खुलवा कर जब मृतक का पुनः परीक्षण किया गया तो पता चला कि राजेंद्र सिंह की मौत काफी पहले हो चुकी है।
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