ऋषिकेश: सरकारी सिस्टम और सरकार आमजन की सुरक्षा को लेकर कितनी लापरवाह है, इसकी बानगी ऋषिकेश में देखने को मिली. मामला धर्मनगरी के गोविंदनगर का है, जहां प्रभु नामक का व्यक्ति असहाय हालत में एक ट्रांसफार्मर के नीचे रहने को मजबूर है. 15 नवंबर को करंट लगने से वह बुरी तरह झुलस गया, लेकिन प्रशासन और सीएम हेल्पलाइन पर मदद मांगने के बावजूद भी कोई अधिकारी और जनप्रतिनिधि उसकी मदद को आगे नहीं आया. इतना ही नहीं, जब स्थानीय लोग उसे ऋषिकेश सरकारी अस्पताल ले गए तो पीड़ित व्यक्ति को इलाज की जगह, सिर्फ रेफर करने के नाम पर अस्पतालों का चक्कर कटवाया गया. लेकिन इसके बावजूद भी उसका इलाज नहीं हो पाया. असहाय व्यक्ति को लेकर शिकायत सीएम हेल्पलाइन से की गई, तो वहां से भी झूठा भरोसा दिया गया, जिसकी पोल अब व्यापारी खोल रहे हैं.
दरअसल, ऋषिकेश में एक ट्रांसफार्मर के नीचे रहने वाला असहाय व्यक्ति झुलस गया. पहले तो किसी ने उसकी मदद ही नहीं की और जब मदद के लिए कुछ व्यापारी नेता सामने भी आए, तो उन्हें सरकारी सिस्टम की स्याह हकीकत ने पूरी तरह से झकझोर दिया. व्यापारी नेता पंकज गुप्ता ने बताया कि झुलसे व्यक्ति को ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जिसे चिकित्सकों ने एम्स के लिए रेफर कर दिया. एम्स पहुंचने पर पीड़ित व्यक्ति को देहरादून के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन देहरादून के सरकारी अस्पताल में भी तीमारदार नहीं होने की वजह से उसे भर्ती करने से मना कर दिया.
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मामला सिर्फ इतना ही नहीं है, व्यापारी नेता पंकज गुप्ता ने बताया कि इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की गई. हेल्पलाइन ने उन्हें तत्काल स्वास्थ्य टीम के मौके पर पहुंचने का भरोसा दिया गया. इसके बावजूद न तो 7 दिन से कोई टीम पहुंची और न ही झुलसे व्यक्ति को इलाज मिल सका है. अभी भी पीड़ित व्यक्ति दयनीय स्थिति में ट्रांसफार्मर के नीचे ही मौत का इंतजार कर रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं मुहैया कराने का सरकारी दावे हकीकत में महज जुमला ही साबित होते हैं. जिसकी तस्दीक ऋषिकेश में इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना कर रही है.