देहरादून: उत्तराखंड में वन महकमा यू तो तमाम अंदुरुनी गुटबाजी को लेकर चर्चाओं में रहता है, लेकिन ईटीवी भारत आज प्रमाण के साथ विभाग में मची अराजकता का खुलासा करने जा रहा है. मामला एक पत्र से जुड़ा है. जिसमें वन महकमे के मुखिया को विभाग के ही एक कर्मी ने कुछ इस कदर धमकाया है कि उसे सुनकर महकमे में हर कोई हैरत में पड़ गया है.
उत्तराखंड वन विभाग के विवादित अधिकारी कोमल सिंह एक बार फिर चर्चाओं में हैं. इस बार नया विवाद ईटीवी भारत के पास मौजूद उस पत्र से जुड़ा है. जिसमें फॉरेस्ट चीफ जयराज को धमकाया जा रहा है. वन विभाग के लेटर हेड पर मौजूद इस पत्र में प्रमुख वन संरक्षक जयराज को मानव अधिकार आयोग और कोर्ट तक जाने की धमकी दी जा रही है.
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यूं तो अपने पक्ष में किसी को भी कोर्ट जाने का अधिकार है लेकिन इस पत्र में जिस तरह विभागीय मुखिया को दोषारोपित किया जा रहा है उससे विभाग में कर्मचारी नियमावली को लेकर अधिकारी कितना सजग है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. वैसे आपको बता दें कि पत्र में उस मामले का जिक्र है जिसमें कोमल सिंह वन्य जीव प्रतिपालक पर विभाग के चिकित्सकों से दुर्व्यवहार का आरोप लगा है.
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इस मामले में प्रमुख वन संरक्षक की तरफ से की गई कार्यवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन पर पक्षपात करने, षड्यंत्र रचने और पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम करने जैसी बातें पत्र में लिखी गयी हैं. इस मामले को लेकर वन्य जीव प्रतिपालक कोमल सिंह से जब संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
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हालांकि, ईटीवी भारत ने प्रमुख वन संरक्षक जयराज से इस पर सवाल पूछा तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि उनके संज्ञान में ऐसा पत्र आया है. लेकिन वह इस पर तभी कोई विचार करेंगे जब किसी विभागीय चैनल से उनके पास यह पत्र पहुंचेगा. हालांकि उन्होंने विभाग का मुखिया होने के चलते उनसे किसी अधिकारी की नाराजगी होने पर उसे समझाने की बात कही है.
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बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब कोमल सिंह इस तरह विवादों में आए हो, इससे पहले धर्मपुर विधानसभा से भाजपा के विधायक विनोद चमोली भी विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत को कोमल सिंह के खराब व्यवहार को लेकर शिकायत कर चुके हैं. पिछले समय में राजाजी में हुए अवैध शिकार में भी कोमल सिंह का नाम जांच रिपोर्ट में आ चुका है. इस सब के बावजूद कोमल सिंह पिछले काफी समय से राजाजी में ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी में बने हुए हैं. हालांकि, यह जांच का विषय है कि यह पत्र उन्होंने भेजा या नहीं लेकिन विभागीय लेटर हेड पर लिखे इस पत्र से पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.