मसूरी: उत्तराखंड की संस्कृति और देवभूमि रसोई पर चर्चा का कार्यक्रम नगर पालिका परिषद के सभागार में आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी और नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने किया. इस मौके पर उत्तराखंड के व्यंजनों और प्राचीन वस्तुओं के रिसर्च करने वाले पंकज अग्रवाल ने उत्तराखंड के व्यंजनों और उत्पादों पर विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के व्यंजन प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में काफी प्रसिद्ध हैं. ऐसे में इनके प्रचार-प्रसार के लिए सरकार द्वारा ठोस नीति बनाई जानी चाहिए. वहीं, हर होटल और रेस्टोरेंट में उत्तराखंड के व्यंजनों को उपलब्ध कराना अनिवार्य किया जाना चाहिए, जिससे देश विदेश से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को हर जगह उत्तराखंड के व्यंजन मिल सकें. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के उत्पादों के बढावा के साथ साथ प्रदेश के खासकर पहाड़ों से होने वाले पलायन पर रोक लग पाएगी. वहीं, स्थानीय लोगों की भी रोजगार मिल पाएगा.
हम सभी जानते हैं कि उतराखंड के उत्पादों का न्युट्रीसियस वैल्यु काफी ज्यादा है. उदाहरण के लिए भट्ट की दाल का आप यदि निरंतर सेवन करते हैं तो महिलाओं को आयरन सप्लीमेंट की आवश्यकता नही होगी जो कि आमतौर पर महिलाओं को प्रीगनेंसी के दौरान अतिआवश्यक है. गहत की दाल का यदि आप सेवन करते है तो पथरी से संबंधित बीमारी से आप दूर रह सकते हैं. झंगोरा को आप चावल के सप्लीमेंट के रूप मे आप सेवन कर सकते है यदि आप मधुमेह की बीमारी से ग्रसित है इसी तरह कई अन्य उत्पाद की अपनी विशेषता है जो कि आप अन्य किसी उत्पाद मे नहीं मिल सकता है.
उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि पूर्व की हरीश रावत सरकार द्वारा उत्तराखंड के व्यंजन और उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए बहुत काम किया गया और आज उसी का नतीजा है कि उत्तराखंड के पहाडी उत्पाद झंगोरा और मंडुवा सहित अन्य व्यंजन लोगों की जुबान पर मौजूद है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए. पालिका अध्यक्ष गुप्ता ने आश्वस्त किया कि उत्तराखंड के व्यंजन और उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए पालिका की ओर से हर संभव प्रयास किए जाएंगे.