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देहरादून में सीटू के 8वें राज्य सम्मेलन का आयोजन, शहर में निकाली रैली - Rally from Gandhi Park to Jain Dharamshala

सीटू का 8वां राज्य अधिवेशन देहरादून में आयोजित किया गया. इससे पहले गांधी पार्क से जैन धर्मशाला तक रैली के साथ सम्मेलन का आगाज हुआ.

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Published : Nov 13, 2022, 12:13 PM IST

हरिद्वारः सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (Central of Indian Trade Unions) यानी सीटू का शनिवार को जैन धर्मशाला में आठवां सम्मेलन आयोजित किया गया. इससे पहले गांधी पार्क से जैन धर्मशाला तक रैली (Rally from Gandhi Park to Jain Dharamshala) के साथ सम्मेलन का आगाज हुआ. इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष के हेमलता ने सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ संघर्ष के आह्वान के साथ सम्मेलन का उद्घाटन किया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश में बेतहाशा महंगाई के कारण मजदूरों की आय में भारी कमी आई है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की सरकार ने कोरोना काल में पुराने कानूनों को खत्म करके 4 श्रमिक संहिता बनाई है. यह मजदूर विरोधी कानून है. डॉक्टर के हेमलता का कहना है कि मजदूर और कर्मचारियों को जो कुछ भी मिल रहा है, वह ट्रेड यूनियन के आंदोलन और संघर्षों का ही परिणाम है.
ये भी पढ़ेंः पीएम के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सहकारिता सचिव का काशीपुर दौरा, अरोमा पार्क का किया निरीक्षण

उन्होंने कहा कि यदि श्रम विरोधी कानून लागू हुए तो मजदूर वर्ग के सामने समस्याएं और बढ़ जाएंगी. उनके खिलाफ सरकार की दमनात्मक कार्रवाईयां और तेज हो जाएंगे. वहीं, मजदूरों की सुविधाएं और सामाजिक सुरक्षा समाप्त होने के साथ ही मालिकों की मनमानियां बढ़ेंगी. मजदूरों के यूनियन के अधिकार पर हमला होगा. श्रमिक विरोधी कानून किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

हरिद्वारः सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (Central of Indian Trade Unions) यानी सीटू का शनिवार को जैन धर्मशाला में आठवां सम्मेलन आयोजित किया गया. इससे पहले गांधी पार्क से जैन धर्मशाला तक रैली (Rally from Gandhi Park to Jain Dharamshala) के साथ सम्मेलन का आगाज हुआ. इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष के हेमलता ने सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ संघर्ष के आह्वान के साथ सम्मेलन का उद्घाटन किया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश में बेतहाशा महंगाई के कारण मजदूरों की आय में भारी कमी आई है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की सरकार ने कोरोना काल में पुराने कानूनों को खत्म करके 4 श्रमिक संहिता बनाई है. यह मजदूर विरोधी कानून है. डॉक्टर के हेमलता का कहना है कि मजदूर और कर्मचारियों को जो कुछ भी मिल रहा है, वह ट्रेड यूनियन के आंदोलन और संघर्षों का ही परिणाम है.
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उन्होंने कहा कि यदि श्रम विरोधी कानून लागू हुए तो मजदूर वर्ग के सामने समस्याएं और बढ़ जाएंगी. उनके खिलाफ सरकार की दमनात्मक कार्रवाईयां और तेज हो जाएंगे. वहीं, मजदूरों की सुविधाएं और सामाजिक सुरक्षा समाप्त होने के साथ ही मालिकों की मनमानियां बढ़ेंगी. मजदूरों के यूनियन के अधिकार पर हमला होगा. श्रमिक विरोधी कानून किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

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