देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों की घर वापसी की तैयारी शुरू कर दी है. आज (1 मई को) मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस संबंध में अधिकारियों की बैठक ली और प्रवासी उत्तराखंडियों को वापस लाने को लेकर शासन स्तर पर चल रही तैयारी पर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. इस बैठक में ये फैसला हुआ है कि शनिवार से ही प्रवासी लोगों को लाने के लिये दूसरों राज्यों में बस रवाना की जाएगी.
मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि पहले उन लोगों की घर वापसी की जाये जो दूसरे राज्यों में रेस्ट कैम्पों में शरणार्थी हैं. इसके अलावा गरीब मजदूर लोगों की घर वापसी भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है.
गौर हो कि कल ही उत्तराखंड सरकार ने एक लिंक जारी करते हुए प्रवासी उत्तराखंडियों को इसमें रजिस्ट्रेशन करने का आग्रह किया था. रजिस्ट्रेशन के जरिये राज्य सरकार प्रवासी उत्तराखंडियों की संख्या और लोकेशन की जानकारी ले पाएगी, जिससे उन्हें आसानी से राज्य में लाया जा सकेगा.
24 घंटे के अंदर 76 हजार लोगों ने उत्तराखंड वापसी के लिए अपना पंजीकरण करवाया है और यह संख्या और अधिक बढ़ सकती है. अधिकांश लोग गढ़वाल व कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में जाने के इच्छुक हैं. इसी के मद्देनजर शनिवार को राजस्थान और उत्तरप्रदेश से प्रवासी लोगों को लाने बस रवाना की जाएगी. कल 190 लोग बरेली व हरिद्वार लाए जाएंगे. इनमें से जिन्हें कुमाऊं जाना होगा वो बरेली लाए जाएंगे और जिन्हें गढ़वाल क्षेत्र में जाना होगा उन्हें हरिद्वार लाया जाएगा. एसडीआरएफ इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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इसके साथ ही उत्तराखंडी प्रवासियों को गृह क्षेत्र में लाने के बाद एतियातन स्क्रीनिंग करके क्वारंटाइन किया जाएगा. पुलिस विभाग के मुताबिक, राज्य के 10 ग्रीन जोन जिलों में छूट भी बढ़ाई जा सकती है. दरअसल, भारत सरकार द्वारा जारी SOP (standard operating procedures) नियम के मुताबिक, प्रवासियों को उत्तराखंड लाकर क्वारंटाइन व अन्य नियमों का पालन कराया जाएगा.
पहले फेज में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा जैसे आसपास के राज्यों से प्रवासी उत्तराखंड लाए जाएंगे.
दूसरे फेज में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु व अन्य राज्यों के प्रवासी को उत्तराखंड लाया जाएगा.
प्रवासी उत्तराखंडवासियों को गृह क्षेत्र में लाने के लिए लगभग 7 से 10 दिनों का वक्त लग सकता है.
घर वापसी आवेदन में अभी तक दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रवासी उत्तराखंड मूल के लोग शामिल हैं.
आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी रिद्धिमा अग्रवाल और आपदा अधिकारी इस मामले में SOP तैयार कर शनिवार से कार्रवाई में जुटेंगे.