मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटन सीजन शुरू होते ही पेयजल की समस्या शुरू हो गई है. मसूरी के 12 केची मार्ग पर स्थित सपेरा बस्ती में पिछले एक महीने से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जिससे करीब 85 परिवार पेयजल के लिए तरस रहे हैं. लेकिन, ग्रामीणों की समस्या पर गढ़वाल जल संस्थान मौन धारण किए हुए हैं. जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने पेयजल कार्यालय का घेराव किया और जल्द इलाके में पानी की आपूर्ति सुचारू करने की मांग की है.
ग्रामीणों ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसी तरह विभाग लापरवाही दिखाएगा तो जब तक उनके नलों में जल नहीं आ जाता तब तक वह कार्यालय में धरना देने को मजबूर होंगे. भारतीय मजदूर संघ की महामंत्री देवी गोदियाल ने कहा कि पिछले कई दिनों से वह लगातार गढ़वाल जल संस्थान के अधिकारियों को क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति ना होने की शिकायत कर रही है. लेकिन, अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है. उनके बस्ती में पानी नहीं मिल रहा है, जिससे वह काफी परेशान हैं. उनके परिवार और बच्चों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.
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ग्रामीणों का कहना है कि सपेरा बस्ती के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. वहीं, बड़े होटलों में औसत से अधिक पानी दिया जा रहा है. जबकि गरीब लोगों पानी के लिए परेशान हो रहे हैं. मसूरी में 144 करोड़ रुपए की मसूरी-यमुना पेयजल योजना के तहत पेयजल लाइनें बिछाई जा रही है. लेकिन लोग बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं. ऐसे में जल्द सपेरा बस्ती के लोगों को पानी उपलब्ध नहीं कराया गया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे. इसके साथ ही ग्रामीणों ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से भी इस पूरे मामले का संज्ञान लेकर पेयजल आपूर्ति कराने की मांग की है.