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मसूरी गैंगरेप-हत्या: गला काटकर तेजाब से जलाया था, 4 साल बाद 7वां आरोपी बिहार से अरेस्ट

देहरादून पुलिस ने गैंगरेप और हत्या के 10 हजार के इनामी आरोपी को बिहार से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त मामले में 7वां आरोपी है. ये मामला 4 साल पहले साल 2017 की है. अभी भी तीन आरोपी फरार हैं.

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Published : Aug 9, 2021, 7:32 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 7:58 PM IST

Mussoorie gangrape-murder case
Mussoorie gangrape-murder case

मसूरी: पुलिस ने चार साल से फरार चल रहे गैंगरेप और हत्या के 10 हजार के इनामी आरोपी को बिहार के माधोपुर से गिरफ्तार किया है. दरअसल, साल 2017 में मसूरी कोतवाली क्षेत्र के जूनाखाला जंगल में एक महिला की गैंगरेप के बाद हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस मामले में घटना का 7वां आरोपी 50 वर्षीय ठगा मंडल को गिरफ्तार किया गया है. ठगा मंडल मूल रूप से बिहार के ग्राम बधुरी, थाना सहियारा, जिला सीतामढ़ी का रहने वाला है.

पुलिस के मुताबिक इस घटना में 6 आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. अभी भी दो से तीन आरोपी फरार चल रहे हैं, पुलिस जिनकी तलाश कर रही है. पुलिस के मुताबिक 20 जुलाई, 2017 को उत्तरकाशी पुरोला के रहने वाले धर्मदास ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट मसूरी कोतवाली में दर्ज कराई.

गैंगरेप-हत्या का इनामी आरोपी 4 साल बाद बिहार से गिरफ्तार.

पीड़ित पिता ने तहरीर देकर बताया था कि 30 जून, 2016 को उनकी बेटी की शादी उत्तरकाशी निवासी रकम दास से की गई थी. शादी के बाद से उनकी बेटी और दामाद चंडीगढ़ में रहते थे. शिकायतकर्ता पिता के अनुसार 15 जुलाई, 2017 को उनकी बेटी चंडीगढ़ से बिना पति को बताए मसूरी पहुंची लेकिन उत्तरकाशी अपने घर नहीं आई. उधर, चंडीगढ़ में भी 16 जुलाई 2017 को दामाद रतन दास ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट मोहाली थाने में दर्ज कराई.

इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए पिता की तहरीर के आधार पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मसूरी पुलिस ने खोजबीन शुरू की. 20 जुलाई, 2017 की रात पुलिस को सूचना मिली कि मसूरी के जूना अखाड़ा जंगल में एक अज्ञात महिला का शव क्षत-विक्षत हालत में पेड़ से लटका है. घटना की सूचना पर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम और मेडिकल जांच के लिए भेजा. जांच में पता चला कि महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर गला घोंट कर मारा गया है. इतना ही नहीं शव को तेजाब डालकर जलाने का भी प्रयास किया गया था.

पढ़ें- ड्रग्स देकर रेप, नुकीली ईंट पर बैठाना, पढ़ें नशा मुक्ति केंद्र में हैवानियत की पूरी कहानी

पुलिस को घटनास्थल पर शव के पास एक मोबाइल और सिम बरामद हुआ. मोबाइल मृतका का ही था लेकिन सिम प्रमोद मंडल नाम के आदमी का था. पुलिस ने इसी आधार पर बिहार मूल के मजदूर और मिस्त्री का काम करने वाले प्रमोद मंडल, राकेश मंडल, सुखारी मंडल, राकेश साहनी व बिट्टू सहित 5 लोगों को इस पूरे गैंगरेप-हत्याकांड में गिरफ्तार किया. सभी लोग बिहार मूल रूप से रहने वाले थे.

आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि मृतका उनके पास 16 जुलाई, 2017 को मसूरी के उस निर्माण भवन के पास पहुंची, जहां कई मजदूर साथी काम कर रहे थे. महिला ने अपने किसी देहरादून परिचित से बात करने के लिए प्रमोद मंडल का सिम इस्तेमाल किया. इसी दौरान युवती को अकेला पाकर 8 से 10 लोगों ने गैंगरेप किया. फिर खुलासा होने के डर से उसकी गला काट कर हत्या कर दी. शव को पास के जंगल में तेजाब डालकर पहले जलाया और फिर उसी के दुपट्टे से पेड़ पर लटका दिया.

पढ़ें- नशा मुक्ति केंद्र दुष्कर्म मामला: हैवान संचालक विद्यादत्त रतूड़ी गिरफ्तार, नाबालिगों से करता था बलात्कार

देहरादून पुलिस के मुताबिक इस गैंगरेप-हत्या मामले में 11 जनवरी 2021 को छठे आरोपी नंदू पंडित, जिस पर 5 हजार का इनाम था, उसे पंजाब के पटियाला से गिरफ्तार किया गया था. बिहार मूल के नंदू पंडित से पूछताछ में ठगा मंडल का भी इस गैंगरेप हत्याकांड में नाम सामने आया. उसी जानकारी के आधार पर देहरादून एसओजी और मसूरी पुलिस ने सातवें आरोपी ठगा मंडल को 7 अगस्त, 2021 को बिहार के माधोपुर से गिरफ्तार किया है. अभियुक्त को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है.

गिरफ्तार हुए ठगा मंडल ने बताया कि वह घटना के उपरांत उत्तर प्रदेश और बिहार में ठिकाने बदल-बदल कर गिरफ्तारी के डर से छिपा था. काफी समय से वह नेपाल में पनाह लेकर बैठा था. अभी कुछ दिन पहले ही वह बिहार माधोपुर अपने ससुराल आया था, तभी दून पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

वहीं, इस मामले ने देहरादून एसएसपी डॉ. योगेंद्र रावत के मुताबिक 4 साल से फरार चल रहे 10 हजार के इनामी अपराधी ठगा मंडल की गिरफ्तारी हुई है. मामले में अभी भी दो-तीन आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.

मसूरी: पुलिस ने चार साल से फरार चल रहे गैंगरेप और हत्या के 10 हजार के इनामी आरोपी को बिहार के माधोपुर से गिरफ्तार किया है. दरअसल, साल 2017 में मसूरी कोतवाली क्षेत्र के जूनाखाला जंगल में एक महिला की गैंगरेप के बाद हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस मामले में घटना का 7वां आरोपी 50 वर्षीय ठगा मंडल को गिरफ्तार किया गया है. ठगा मंडल मूल रूप से बिहार के ग्राम बधुरी, थाना सहियारा, जिला सीतामढ़ी का रहने वाला है.

पुलिस के मुताबिक इस घटना में 6 आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. अभी भी दो से तीन आरोपी फरार चल रहे हैं, पुलिस जिनकी तलाश कर रही है. पुलिस के मुताबिक 20 जुलाई, 2017 को उत्तरकाशी पुरोला के रहने वाले धर्मदास ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट मसूरी कोतवाली में दर्ज कराई.

गैंगरेप-हत्या का इनामी आरोपी 4 साल बाद बिहार से गिरफ्तार.

पीड़ित पिता ने तहरीर देकर बताया था कि 30 जून, 2016 को उनकी बेटी की शादी उत्तरकाशी निवासी रकम दास से की गई थी. शादी के बाद से उनकी बेटी और दामाद चंडीगढ़ में रहते थे. शिकायतकर्ता पिता के अनुसार 15 जुलाई, 2017 को उनकी बेटी चंडीगढ़ से बिना पति को बताए मसूरी पहुंची लेकिन उत्तरकाशी अपने घर नहीं आई. उधर, चंडीगढ़ में भी 16 जुलाई 2017 को दामाद रतन दास ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट मोहाली थाने में दर्ज कराई.

इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए पिता की तहरीर के आधार पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मसूरी पुलिस ने खोजबीन शुरू की. 20 जुलाई, 2017 की रात पुलिस को सूचना मिली कि मसूरी के जूना अखाड़ा जंगल में एक अज्ञात महिला का शव क्षत-विक्षत हालत में पेड़ से लटका है. घटना की सूचना पर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम और मेडिकल जांच के लिए भेजा. जांच में पता चला कि महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर गला घोंट कर मारा गया है. इतना ही नहीं शव को तेजाब डालकर जलाने का भी प्रयास किया गया था.

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पुलिस को घटनास्थल पर शव के पास एक मोबाइल और सिम बरामद हुआ. मोबाइल मृतका का ही था लेकिन सिम प्रमोद मंडल नाम के आदमी का था. पुलिस ने इसी आधार पर बिहार मूल के मजदूर और मिस्त्री का काम करने वाले प्रमोद मंडल, राकेश मंडल, सुखारी मंडल, राकेश साहनी व बिट्टू सहित 5 लोगों को इस पूरे गैंगरेप-हत्याकांड में गिरफ्तार किया. सभी लोग बिहार मूल रूप से रहने वाले थे.

आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि मृतका उनके पास 16 जुलाई, 2017 को मसूरी के उस निर्माण भवन के पास पहुंची, जहां कई मजदूर साथी काम कर रहे थे. महिला ने अपने किसी देहरादून परिचित से बात करने के लिए प्रमोद मंडल का सिम इस्तेमाल किया. इसी दौरान युवती को अकेला पाकर 8 से 10 लोगों ने गैंगरेप किया. फिर खुलासा होने के डर से उसकी गला काट कर हत्या कर दी. शव को पास के जंगल में तेजाब डालकर पहले जलाया और फिर उसी के दुपट्टे से पेड़ पर लटका दिया.

पढ़ें- नशा मुक्ति केंद्र दुष्कर्म मामला: हैवान संचालक विद्यादत्त रतूड़ी गिरफ्तार, नाबालिगों से करता था बलात्कार

देहरादून पुलिस के मुताबिक इस गैंगरेप-हत्या मामले में 11 जनवरी 2021 को छठे आरोपी नंदू पंडित, जिस पर 5 हजार का इनाम था, उसे पंजाब के पटियाला से गिरफ्तार किया गया था. बिहार मूल के नंदू पंडित से पूछताछ में ठगा मंडल का भी इस गैंगरेप हत्याकांड में नाम सामने आया. उसी जानकारी के आधार पर देहरादून एसओजी और मसूरी पुलिस ने सातवें आरोपी ठगा मंडल को 7 अगस्त, 2021 को बिहार के माधोपुर से गिरफ्तार किया है. अभियुक्त को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है.

गिरफ्तार हुए ठगा मंडल ने बताया कि वह घटना के उपरांत उत्तर प्रदेश और बिहार में ठिकाने बदल-बदल कर गिरफ्तारी के डर से छिपा था. काफी समय से वह नेपाल में पनाह लेकर बैठा था. अभी कुछ दिन पहले ही वह बिहार माधोपुर अपने ससुराल आया था, तभी दून पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

वहीं, इस मामले ने देहरादून एसएसपी डॉ. योगेंद्र रावत के मुताबिक 4 साल से फरार चल रहे 10 हजार के इनामी अपराधी ठगा मंडल की गिरफ्तारी हुई है. मामले में अभी भी दो-तीन आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.

Last Updated : Aug 9, 2021, 7:58 PM IST
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