देहरादून: कोरोना महामारी के बीच डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश में साधारण ग्रेड चिकित्सा अधिकारियों के 763 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि, आरक्षित श्रेणी के 512 पदों के लिए डॉक्टर मिल पाना मुश्किल हो रहा है. क्योंकि किसी श्रेणी के उम्मीदवार से इन पदों को नहीं भरा जा सकता है. यही कारण है कि आरक्षण श्रेणी के पदों का बैकलॉग भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि ये पद वर्टिकल रिजर्वेशन के तहत आते हैं.
उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीएस रावत का कहना है कि आयोग शासन की ओर से आई नए डॉक्टरों की रिक्वायरमेंट को पूरी करने की दिशा में अग्रसर है. उन्होंने कहा कि बीते महीने 471 डॉक्टरों की चयन प्रक्रिया पूरी करते हुए उनकी सूची शासन को भेज दी गई थी. इससे पहले 314 डॉक्टरों की भर्ती किए जाने का शासनादेश आया था, जिसमें 201 डॉक्टरों का ही चयन किया गया था, इसमें कुछ आरक्षित श्रेणी की भर्ती नहीं मिल पाए थे.
डॉ. डीएस रावत ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अतिरिक्त 562 डॉक्टरों की रिक्वायरमेंट आई थी, इसमें भी 270 अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया पूरी करते हुए इसकी सूची शासन को भेजी गई है. जो पद रिक्त रह गये हैं वह ज्यादातर आरक्षित श्रेणी के हैं. इस वजह से उन पदों में अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर के 46 पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 61 पद और रेडियोलॉजी विभाग के 2 पदों की चयन प्रक्रिया गतिमान है.
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उन्होंने बताया कि शासन की ओर से 763 पदों पर चिकित्सकों की भर्ती किए जाने का भी चयन आयोग को शासनादेश प्राप्त हुआ है. इस दिशा में जल्द ही विज्ञप्ति जारी करके चयन प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि इन 763 पदों में सामान्य श्रेणी के केवल 251 पद रिक्त हैं, जबकि 512 पद आरक्षित श्रेणी के हैं. उन्होंने बताया कि आरक्षण श्रेणी के पद बैकलॉग से चले आ रहे हैं और यह वर्टिकल रिजर्वेशन के तहत आते हैं. वहीं, 763 पदों के लिए सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के आवेदन आ रहे हैं, लेकिन आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में रुचि नहीं दिखा रहे हैं.