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शिक्षा विभाग ने तबादले में दी बड़ी राहत, दुर्गम में ही रहेंगे 644 शिक्षक

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Published : Oct 4, 2019, 5:29 PM IST

हाल ही में हुए तबादलों में कई शिक्षक ऐसे भी हैं जिनको दुर्गम से सुगम में लाया गया था, लेकिन यह शिक्षक अब सुगम में आने के लिए तैयार नहीं है. इसको लेकर स्थानांतरण समिति को उन्होंने तबादला नहीं चाहने का लिखित आवेदन भी किया था.

शिक्षा विभाग

देहरादून: शिक्षा विभाग ने 644 ऐसे शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई है, जो दुर्गम से सुगम में हुए अनिवार्य तबादले को नहीं चाहते थे. तबादले को लेकर बनाई गई समिति ने ऐसे सभी शिक्षकों को राहत देते हुए दुर्गम में ही बने रहने की सहमति दे दी है.

राज्य का शिक्षा विभाग स्थानांतरण को लेकर हमेशा विवादों में बना रहता है. शिक्षकों के दुर्गम में ड्यूटी नहीं देने की इच्छा के चलते पूर्व में कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी दिखाई दी, लेकिन नया तबादला एक्ट लागू होने के बाद अनिवार्य स्थानांतरण की पाबंदी दी गई. शिक्षकों की इस मनमानी को तोड़ने का काम किया. हालांकि अब भी दुर्गम में स्थानांतरण के बाद शिक्षकों का सुगम के लिए सिफारिशों का दौर जारी है लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जो दुर्गम से सुगम क्षेत्रों में ही स्थानांतरण नहीं चाहते.

पढ़ें- IIT दीक्षांत समारोह का शुभारंभ, राष्ट्रपति के हाथों मेडल पाकर खुश हुए छात्र

दरअसल, हाल ही में हुए तबादलों में कई शिक्षक ऐसे भी हैं जिनको दुर्गम से सुगम में लाया गया था, लेकिन यह शिक्षक अब सुगम में आने के लिए तैयार नहीं है. इसको लेकर स्थानांतरण समिति को उन्होंने तबादला नहीं चाहने का लिखित आवेदन भी किया था. जिसे मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने स्वीकार भी कर लिया है.

इसके बाद अब प्रदेश के 644 शिक्षकों को दुर्गम में ही रहने का मौका मिल पायेगा. इसमें बेसिक और माध्यमिक के शिक्षक शामिल हैं. इस में से अधिकतर शिक्षक वो है जिन्होंने अपनी सेवाएं दुर्गम में ही दी है, लेकिन अब रिटायरमेंट के बाद भी वो अपनी सेवाएं दुर्गम में देना चाहते है.

देहरादून: शिक्षा विभाग ने 644 ऐसे शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई है, जो दुर्गम से सुगम में हुए अनिवार्य तबादले को नहीं चाहते थे. तबादले को लेकर बनाई गई समिति ने ऐसे सभी शिक्षकों को राहत देते हुए दुर्गम में ही बने रहने की सहमति दे दी है.

राज्य का शिक्षा विभाग स्थानांतरण को लेकर हमेशा विवादों में बना रहता है. शिक्षकों के दुर्गम में ड्यूटी नहीं देने की इच्छा के चलते पूर्व में कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी दिखाई दी, लेकिन नया तबादला एक्ट लागू होने के बाद अनिवार्य स्थानांतरण की पाबंदी दी गई. शिक्षकों की इस मनमानी को तोड़ने का काम किया. हालांकि अब भी दुर्गम में स्थानांतरण के बाद शिक्षकों का सुगम के लिए सिफारिशों का दौर जारी है लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जो दुर्गम से सुगम क्षेत्रों में ही स्थानांतरण नहीं चाहते.

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दरअसल, हाल ही में हुए तबादलों में कई शिक्षक ऐसे भी हैं जिनको दुर्गम से सुगम में लाया गया था, लेकिन यह शिक्षक अब सुगम में आने के लिए तैयार नहीं है. इसको लेकर स्थानांतरण समिति को उन्होंने तबादला नहीं चाहने का लिखित आवेदन भी किया था. जिसे मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने स्वीकार भी कर लिया है.

इसके बाद अब प्रदेश के 644 शिक्षकों को दुर्गम में ही रहने का मौका मिल पायेगा. इसमें बेसिक और माध्यमिक के शिक्षक शामिल हैं. इस में से अधिकतर शिक्षक वो है जिन्होंने अपनी सेवाएं दुर्गम में ही दी है, लेकिन अब रिटायरमेंट के बाद भी वो अपनी सेवाएं दुर्गम में देना चाहते है.

Intro:summary- शिक्षा विभाग में ऐसे 644 शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई है, जो दुर्गम से सुगम में हुए अनिवार्य तबादले को नही चाहते थे... तबादले को लेकर बनाई गई समिति ने ऐसे सभी शिक्षकों को राहत देते हुए दुर्गम में ही बने रहने की सहमति दे दी है।


Body:राज्य में शिक्षा विभाग स्थानांतरण को लेकर हमेशा विवादों में बना रहता है... शिक्षकों के दुर्गम में ड्यूटी नहीं देने की इच्छा के चलते पूर्व में कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी दिखाई दी...लेकिन नया तबादला एक्ट लागू होने के बाद अनिवार्य स्थानांतरण की पाबंदी दें शिक्षकों की इस मनमानी को तोड़ने का काम किया... हालांकि अब भी दुर्गम में स्थानांतरण के बाद शिक्षकों का सुगम के लिए सिफारिशों का दौर जारी है लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जो दुर्गम से शुभम क्षेत्रों में ही स्थानांतरण नहीं चाहते... दरअसल हाल ही में हुए तबादलों में कई शिक्षक ऐसे भी हैं जिनको दुर्गम से सुगम में लाया गया... लेकिन यह शिक्षक अब सुगम में आने के लिए तैयार नहीं है... इसको लेकर स्थानांतरण समिति को उन्होंने तबादला नही चाहने का लिखित आवेदन भी किया... जिसे विचार के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने स्वीकार कर लिया है... इसके बाद अब प्रदेश के 644 शिक्षकों को दुर्गम में ही रहने का मौका मिल पायेगा। इसमें बेसिक और माध्यमिक के शिक्षक शामिल हैं... खबर है कि इनमें अधिकतर शिक्षक है जिन्होंने अपनी सेवाएं दुर्गम में ही दी है... और अब रिटायरमेंट के नजदीक आने के बाद वह दुर्गा में ही सेवाएं देना चाहते हैं।


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