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बैंक अकाउंट में आप कितना करते हैं ट्रांजैक्शन? जानें ये नियम वरना लग सकता है जुर्माना - Restrictions on cash transaction - RESTRICTIONS ON CASH TRANSACTION

Restrictions on cash transaction- भारतीय अर्थव्यवस्था में नकद लेन-देन हमेशा एक प्रमुख भूमिका निभाई है और काले धन को जमा करने में भी बड़ा कारण रहा है. जिसके वजह से सरकार ने नकद पेमेंट सीमा तय कर दी है. आज हम इस खबर के माध्यम से जानते है कि कैश लेने और देने के नियम क्या है? पढ़ें पूरी खबर...

Cash transaction
कैश (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 20, 2024, 7:00 AM IST

Updated : Sep 20, 2024, 7:19 AM IST

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, कर चोरी पर अंकुश लगाने और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए नकद लेन-देन पर सख्त नियम बनाए हैं. आयकर अधिनियम नकद प्राप्तियों, निकासी और खर्च पर सीमाएं लगाता है, जिसका पालन न करने पर जुर्माना लगाया जाता है.

नकद लेन-देन पर लागू कुछ सीमाएं

  • कैश रिसिप्ट लिमिट- आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, किसी भी व्यक्ति को 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि नकद में प्राप्त करने की अनुमति नहीं है.
  • एक दिन में किसी व्यक्ति से कुल मिलाकर 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि नकद लेने की परमिशन नहीं है.
  • एकल लेन-देन के संबंध में.
  • किसी व्यक्ति से एक घटना या अवसर से संबंधित लेन-देन के संबंध में.

इस नियम के अपवादों में अकाउंट पेयी चेक/ड्राफ्ट, इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम या सरकार, बैंक, डाकघर और कुछ अन्य निर्दिष्ट संस्थाओं से प्राप्त नकदी शामिल है. धारा 269ST का उल्लंघन करने पर प्राप्त नकदी की राशि के बराबर जुर्माना लगाया जाता है.

नकद निकासी लिमिट और टीडीएस

नकद निकासी के लिए, आयकर अधिनियम की धारा 194एन निम्नलिखित सीमाएं और टीडीएस दरें लागू करती है.

अगर किसी वित्तीय वर्ष में कुल नकद निकासी 1 करोड़ रुपये से अधिक है, तो 2 फीसदी टीडीएस. लागू होता है.

जिन व्यक्तियों ने पिछले तीन वर्षों से आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनके लिए:

  • 20 लाख रुपये से अधिक की निकासी पर 2 फीसदी टीडीएस
  • 1 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर 5 फीसदी टीडीएस
  • सरकार, बैंक, डाकघर और व्यवसाय संवाददाता जैसी कुछ संस्थाएं इन टीडीएस प्रावधानों से मुक्त हैं.

नकद जमा सीमाएं
बचत खाते रखने वाले व्यक्तियों के लिए, एक वित्तीय वर्ष के भीतर 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद जमा राशि की सूचना कर अधिकारियों को देनी होगी. चालू खातों के लिए यह सीमा 50 लाख रुपये अधिक है.

जबकि इन जमाराशियों पर तुरंत कर नहीं लगाया जाता है, वित्तीय संस्थानों को निगरानी उद्देश्यों के लिए आयकर विभाग को ऐसे लेनदेन की सूचना देना अनिवार्य है.

नकद लोन पर प्रतिबंध
आयकर अधिनियम धारा 269SS और 269T के माध्यम से नकद लोन को भी नियंत्रित करता है.

  • धारा 269SS 20,000 रुपये से अधिक नकद लोन स्वीकार करने पर रोक लगाती है.
  • धारा 269T 20,000 रुपये से अधिक के लोन को नकद में चुकाने पर प्रतिबंध लगाती है.
  • इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर लोन राशि के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है.

कैश गिफ्ट और फिक्सड डिपॉजिट

  • वित्त वर्ष में 50,000 रुपये से कम के नकद उपहार टैक्स से मुक्त हैं. हालांकि, इस सीमा से अधिक गैर-रिश्तेदारों से प्राप्त उपहार कर योग्य हैं.
  • फिक्सड डिपॉजिट के लिए, कोई अधिकतम नकद सीमा नहीं है, लेकिन यदि ब्याज आय व्यक्तियों के लिए 40,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये से अधिक है, तो 10 फीसदी की दर से टीडीएस लागू होता है.

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नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, कर चोरी पर अंकुश लगाने और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए नकद लेन-देन पर सख्त नियम बनाए हैं. आयकर अधिनियम नकद प्राप्तियों, निकासी और खर्च पर सीमाएं लगाता है, जिसका पालन न करने पर जुर्माना लगाया जाता है.

नकद लेन-देन पर लागू कुछ सीमाएं

  • कैश रिसिप्ट लिमिट- आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, किसी भी व्यक्ति को 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि नकद में प्राप्त करने की अनुमति नहीं है.
  • एक दिन में किसी व्यक्ति से कुल मिलाकर 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि नकद लेने की परमिशन नहीं है.
  • एकल लेन-देन के संबंध में.
  • किसी व्यक्ति से एक घटना या अवसर से संबंधित लेन-देन के संबंध में.

इस नियम के अपवादों में अकाउंट पेयी चेक/ड्राफ्ट, इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम या सरकार, बैंक, डाकघर और कुछ अन्य निर्दिष्ट संस्थाओं से प्राप्त नकदी शामिल है. धारा 269ST का उल्लंघन करने पर प्राप्त नकदी की राशि के बराबर जुर्माना लगाया जाता है.

नकद निकासी लिमिट और टीडीएस

नकद निकासी के लिए, आयकर अधिनियम की धारा 194एन निम्नलिखित सीमाएं और टीडीएस दरें लागू करती है.

अगर किसी वित्तीय वर्ष में कुल नकद निकासी 1 करोड़ रुपये से अधिक है, तो 2 फीसदी टीडीएस. लागू होता है.

जिन व्यक्तियों ने पिछले तीन वर्षों से आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनके लिए:

  • 20 लाख रुपये से अधिक की निकासी पर 2 फीसदी टीडीएस
  • 1 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर 5 फीसदी टीडीएस
  • सरकार, बैंक, डाकघर और व्यवसाय संवाददाता जैसी कुछ संस्थाएं इन टीडीएस प्रावधानों से मुक्त हैं.

नकद जमा सीमाएं
बचत खाते रखने वाले व्यक्तियों के लिए, एक वित्तीय वर्ष के भीतर 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद जमा राशि की सूचना कर अधिकारियों को देनी होगी. चालू खातों के लिए यह सीमा 50 लाख रुपये अधिक है.

जबकि इन जमाराशियों पर तुरंत कर नहीं लगाया जाता है, वित्तीय संस्थानों को निगरानी उद्देश्यों के लिए आयकर विभाग को ऐसे लेनदेन की सूचना देना अनिवार्य है.

नकद लोन पर प्रतिबंध
आयकर अधिनियम धारा 269SS और 269T के माध्यम से नकद लोन को भी नियंत्रित करता है.

  • धारा 269SS 20,000 रुपये से अधिक नकद लोन स्वीकार करने पर रोक लगाती है.
  • धारा 269T 20,000 रुपये से अधिक के लोन को नकद में चुकाने पर प्रतिबंध लगाती है.
  • इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर लोन राशि के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है.

कैश गिफ्ट और फिक्सड डिपॉजिट

  • वित्त वर्ष में 50,000 रुपये से कम के नकद उपहार टैक्स से मुक्त हैं. हालांकि, इस सीमा से अधिक गैर-रिश्तेदारों से प्राप्त उपहार कर योग्य हैं.
  • फिक्सड डिपॉजिट के लिए, कोई अधिकतम नकद सीमा नहीं है, लेकिन यदि ब्याज आय व्यक्तियों के लिए 40,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये से अधिक है, तो 10 फीसदी की दर से टीडीएस लागू होता है.

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Last Updated : Sep 20, 2024, 7:19 AM IST
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