देहरादून: कोरोना वायरस से जहां इस वक्त पूरे देश और दुनिया में दहशत का माहौल है. वहीं कोरोना संक्रमण के इस दौर में उत्तराखंड से पलायन को लेकर राहत की खबर सामने आई है. उत्तराखंड में पलायन की समस्या जिसका हल राज्य बनने से लेकर अब तक कोई भी सरकारें नहीं निकाल पाई हैं. कोरोना के चलते उस समस्या को लेकर बड़ी राहत देखने को मिली है. दरअसल कोरोना वायरस के चलते उत्तराखंड में 52 हजार लोगों ने रिवर्स पलायन किया है.
उत्तराखंड पलायन आयोग द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस के इस दौर में उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में तकरीबन 52 हजार लोगों ने रिवर्स पलायन किया है. उत्तराखंड में पलायन राज्य गठन के पहले से ही एक बड़ी चुनौती है. जिसका इन 19 सालों में कोई भी सरकार इतने बड़े स्तर पर हल नहीं निकाल पाई है, लेकिन इस काम को कोरोना वायरस के डर ने चंद दिनों में कर दिया है.
दरसल, उत्तराखंड पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कोरोना वायरस की वजह से अब तक देश के दूसरे राज्यों के साथ-साथ विदेश से भी उत्तराखंडी बड़ी संख्या में अपने घर रिवर्स पलायन किया है. जिसमें सबसे ज्यादा 12 हजार लोग केवल पौड़ी जिले में वापस लौट कर आए हैं.
पलायन आयोग रिवर्स पलायन करने वाले इन लोगों पर डेटाबेस तैयार कर रहा है और आगामी कुछ दिनों में रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी जाएगी. जिसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा की रिवर्स पलायन कर वापस लौटे इन लोगों को कैसे उत्तराखंड में रोका जाए.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पलायन आयोग के उपाध्यक्ष ने जानकारी दी कि अगले 10 से 12 दिनों में पलायन आयोग रिवर्स पलायन कर उत्तराखंड लौटे इन प्रवासियों पर डेटाबेस तैयार करेगा, साथ ही इन लोगों का फीडबैक भी लेगा और इस पर चर्चा की जाएगी. कैसे इन लोगों को जो कि अलग अलग कौशल और अनुभव के धनी हैं, उन्हें उत्तराखंड में वह माहौल उपलब्ध कराया जाए. इसके साथ ही एसएस नेगी ने यह भी कहा कि यह उत्तराखंड राज्य बनने से लेकर अब तक प्रदेश के पास रिवर्स पलायन को कारगर करने का यह एक सबसे बड़ा मौका होगा.
एसएस नेगी ने कहा कि पलायन आयोग और सरकार की यह पूरी कोशिश होगी कि घर लौट कर आये इन प्रवासी उत्तराखंडियों को किसी भी तरह से उत्तराखंड में ही रोका जाए. उन्हें वह सभी अनुकूलताएं यहां पर उपलब्ध कराई जाएंगी जो कि उन्हें उत्तराखंड से बाहर उपलब्ध होती थी. इसके साथ ही उन विकल्पों पर भी चर्चा की जाएगी जहां इस रिवर्स पलायन को और अधिक मजबूत बनाया जा सके.