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जौनसार बावर में बसा प्रवासी पक्षियों का संसार, दीदार के लिए पहुंच रहे सैलानी

हिमाचल की सीमा से सटे आसन वेटलैंड में वर्तमान में पक्षी प्रवास चल रहा है. इस दौरान दूर-दूर से आने वाले पक्षी प्रेमी और शोधकर्ता करीब 50 प्रजातियों के देसी-विदेशी परिंदों का दीदार कर सकेंगे.

vikasnagar
आसन वेटलैंड में पक्षियों का प्रवास
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Published : Jan 26, 2020, 12:17 PM IST

विकासनगर: उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा से सटे आसन वेटलैंड में इन दिनों पक्षियों का प्रवास चल रहा है. जहां, इन दिनों करीब 50 से अधिक प्रजातियों की पक्षियों को देखा जा सकता है. वहीं, दूर-दराज से आने वाले पक्षी प्रेमी और शोधार्थी करीब 4,466 बहुरंगी परिंदों का दीदार कर रहे हैं.

जौनसार बावर में बसा प्रवासी पक्षियों का संसार

वहीं, वन रेंजर जवाहर सिंह तोमर और पक्षी विशेषज्ञ ने बताया कि पिछले साल 79 प्रजाति के लगभग 6,170 देसी-विदेशी पक्षी प्रवास पर आए थे. उन्होंने बताया कि आसन वेटलैंड वन क्षेत्र में आने वाले पक्षियों की आईयूसीएन की रेड डाटा बुक, प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा विलुप्तप्राय प्रजाति के पक्षियों का डाटा तैयार किया गया है. तोमर ने बताया कि पक्षियों की गणना में वन विभाग तितली ट्रस्ट, नेचर साइंस इंस्टीट्यूट, एफआरआई और डब्लूडब्लूआई संस्था के विशेषज्ञ शामिल रहे.

ये भी पढ़ें: गूलरभोज में 27 जनवरी को होगा कार्निवल फेस्टिवल, बोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे पर्यटक | टॉप न्यूज News - ETV Bharat

उधर पक्षियों की गणना करने आए तितली ट्रस्ट के पक्षी विशेषज्ञ संजय सोंधी ने बताया कि भारत का यह पहला फॉरेस्ट रिर्जव कंजर्वेशन है. यहां पर विदेशों से कई प्रजातियों के परिंदे प्रवास के लिए आते हैं.

विकासनगर: उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा से सटे आसन वेटलैंड में इन दिनों पक्षियों का प्रवास चल रहा है. जहां, इन दिनों करीब 50 से अधिक प्रजातियों की पक्षियों को देखा जा सकता है. वहीं, दूर-दराज से आने वाले पक्षी प्रेमी और शोधार्थी करीब 4,466 बहुरंगी परिंदों का दीदार कर रहे हैं.

जौनसार बावर में बसा प्रवासी पक्षियों का संसार

वहीं, वन रेंजर जवाहर सिंह तोमर और पक्षी विशेषज्ञ ने बताया कि पिछले साल 79 प्रजाति के लगभग 6,170 देसी-विदेशी पक्षी प्रवास पर आए थे. उन्होंने बताया कि आसन वेटलैंड वन क्षेत्र में आने वाले पक्षियों की आईयूसीएन की रेड डाटा बुक, प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा विलुप्तप्राय प्रजाति के पक्षियों का डाटा तैयार किया गया है. तोमर ने बताया कि पक्षियों की गणना में वन विभाग तितली ट्रस्ट, नेचर साइंस इंस्टीट्यूट, एफआरआई और डब्लूडब्लूआई संस्था के विशेषज्ञ शामिल रहे.

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उधर पक्षियों की गणना करने आए तितली ट्रस्ट के पक्षी विशेषज्ञ संजय सोंधी ने बताया कि भारत का यह पहला फॉरेस्ट रिर्जव कंजर्वेशन है. यहां पर विदेशों से कई प्रजातियों के परिंदे प्रवास के लिए आते हैं.

Intro:विकासनगर _उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा से सटे आसन वेटलैंड इन दिनों देसी विदेशी 50 प्रजाति के 4466 बहुरंगी परिंदों से गुलजार है जिन्हें देखने के लिए पक्षी प्रेमी और शोधार्थी आ रहे हैं


Body:वन विभाग की ओर से की गई गणना के बाद चकराता वन प्रभाग के रामपुर मंडी क्षेत्र के रेंजर जवाहर सिंह तोमर व पक्षी विशेषज्ञ ने बताया कि पिछले साल 79 प्रजाति के 6170 देसी विदेशी परिंदे प्रवास पर आए थे आसन वेटलैंड क्षेत्र में आने वाले पक्षियों की आईयूसीएन की रेड डाटा बुक प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया है पक्षियों की गणना में वन विभाग तितली ट्रस्ट ,नेचर साइंस इंस्टीट्यूट ,एफ आर आई ,डब्लू डब्लू आई के विशेषज्ञ शामिल रहे .


Conclusion:पक्षियों की गणना करने आई तितली ट्रस्ट के संजय सोंधी भारत का यह पहला फॉरेस्ट रिर्जव कंजर्वेशन है यहां पर विदेशों से कई प्रजातियों के परिंदे पहुंचते हैं .

बाइट _संजय सोंधी _पक्षी विशेषज्ञ
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