देहरादून: राजधानी देहरादून में प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का संदेश देने के लिए 50 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई. मानव श्रृंखला को सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरी झंडी दिखाई. इस दौरान सड़कों पर करीब एक लाख लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर सिंगल यूज प्लास्टिक छोड़ने का संदेश दिया.
पीएम मोदी के देश को स्वच्छ बनाने और पर्यावरण संरक्षण के संदेश का असर उत्तराखंड में भी देखा जा रहा है. पॉलीथिन के खिलाफ प्रदेशभर में सख्त कदम उठाया जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को नगर निगम की ओर से पॉलीथिन मुक्त ग्रीन दून मिशन कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मानव श्रृंखला बनाकर जन जागरूकता अभियान निकालकर प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का संदेश दिया गया.
ये भी पढ़ेंः सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को कांग्रेस ने बताया ड्रामा, दाल पोषित योजना पर उठाए सवाल
इस दौरान मियांवाला चौक से मानव श्रृंखला का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा का काफिला पूरे शहर का दौरा करते हुए घंटाघर पहुंचा. जहां से इस मानव श्रृंखला की औपचारिक घोषणा की गई. ये मानव श्रृखंला हरिद्वार रोड के मियांवाला मुख्य मार्ग से लेकर राजपुर रोड, चकराता रोड, घंटाघर, हिमाचल रोड, दिल्ली-सहारनपुर रोड आईएसबीटी समेत शहर के मुख्य मार्गों पर निकाली गई.
ये भी पढ़ेंः सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ खड़े हुए एक लाख लोग, पुलिस अधिकारियों ने भी बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
जिसमें सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों के साथ सामाजिक संगठनों, स्कूली बच्चों समेत भारी संख्या में हर वर्ग के लोगों ने मानव श्रृंखला में हिस्सा लेकर प्लास्टिक मुक्त देहरादून बनाने का आह्वान किया. उधर, सचिवालय के पास ईसी रोड पर डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी के नेतृत्व में सभी पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों, स्कूली बच्चों, सामाजिक संगठनों और सैकड़ों घरेलू महिलाओं ने एकजुट होकर प्लास्टिक मुक्त देहरादून बनाने का संदेश दिया.
ये भी पढ़ेंः मानव श्रृंखला के बीच वाहन लेकर जीरो जोन में घुसे लोग, जमकर उड़ी नियमों की धज्जियां
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्लास्टिक को लेकर पहले भी कई तरह के अभियान चलाए गए हैं, लेकिन इस बार बड़ी संख्या और बड़े स्तर पर प्लास्टिक छोड़ने का अभियान चलाया गया है. ऐसे में इस अभियान का असर आम जनमानस पर देहरादून और उत्तराखंड में देखने को मिलेगा.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में खुलेगा देश का पहला एनवायरमेंट स्कूल, पहाड़ी क्षेत्र में जमीन की तलाश शुरू
डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि आज पूरा प्रदेश देहरादून से एकजुट होकर प्लास्टिक के खिलाफ आंदोलित नजर आ रहा है. प्लास्टिक आज एक धरती के लिए बड़ी समस्या बन गई है. जिसके बारे में चिंतन मनन कर हर राज्य के हर नागरिक को प्लास्टिक के खिलाफ आगे आना होगा.
ये भी पढ़ेंः यूं ही नहीं बना उत्तराखंड, दशकों के संघर्ष और शहादतों के बाद मिली अलग पहचान
वहीं, पर्यावरण मित्रों का कहना है कि शासन-प्रशासन को अब प्लास्टिक से बने थैलों की जगह पर जुट और कपास जैसी प्राकृतिक वस्तुओं को धरातल पर बढ़ावा देकर बाजार में उतारना होगा. जिससे प्लास्टिक की जगह पर इन चीजों का बेहतर विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सके.