देहरादून: प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत राजधानी देहरादून में ईडब्ल्यूएस यानी इकोनॉमिक वीकर सेक्शन (Economic Weeker Section) को केंद्र और राज्य से सहायता मिलने के बाद बेहद कम दरों पर आवास उपलब्ध कराया जा रहा है. योजना के पहले चरण में देहरादून के ट्रांसपोर्ट नगर में 224 लोगों को आवास दिये गये हैं. तो वहीं, अब दूसरे फेज में आमवाला तरला में 240 लोगों को आवास का पजेशन देने की प्रक्रिया जारी है. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम आमवाला तरला पहुंची और लोगों से बात की...
बता दें, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत साल 2016-17 में उत्तराखंड में सबसे पहले देहरादून नगर निगम के तहत इस योजना के पहले चरण की शुरुआत की गई. देहरादून नगर निगम में तकरीबन 48 हजार लोगों ने ईडब्ल्यूएस वर्ग के तहत नगर निगम में आवेदन किए, जिनमें से 13,180 लाभार्थियों के लिए आवास स्वीकृत किये गए हैं.
इसके बाद आवंटन की प्रक्रिया के लिए एमडीडीए (Mussoorie Dehradun Development Authority) को अधिकृत किया गया. पहले फेस में 464 आवास बनाकर लॉटरी के माध्यम से आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. ईडब्ल्यूएस के तहत व्यक्ति को एक प्लैट तकरीबन 3.5 लाख से 3.85 लाख तक का पड़ता है. वहीं इन आवासों पर 1.5 लाख केंद्र से और 1 लाख राज्य की तरफ से दिए गए हैं.
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MDDA हाउसिंग प्रोजेक्ट के इंजीनियर डीएस चौधरी ने बताया कि पहले चरण में आवंटित किए गए 224 आवासों में फर्जीवाड़ा देखने को भी मिला. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक पर शासन द्वारा जांच टीम गठित की गई थी. जांच में दो आवासों का आवंटन लेने वाले लाभार्थी ऐसे पाए गए, जिनके नाम पर अन्य जगह भी जमीन और आवास मौजूद था. ऐसे में उन दोनों लोगों के आवासों के आवंटन को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित होने वाले आवासों के लिए पहला मानक था कि व्यक्ति का कहीं और मकान नहीं होना चाहिए. लेकिन कई लाभार्थी मकान का पजेशन लेने के बाद उस मकान में किराए पर लोगों को रख रहे थे.
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आमवाला तरला पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने उन लोगों से बात की, जिनको इस पूरी प्रक्रिया के बाद आवास (Flat) का पजेशन दे दिया गया है. सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले किरण सिंह ने बताया कि उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कम दामों पर घर मिलने से आज बेहद खुशी है. उनका और उनके परिवार का आज सपना साकार हो गया है.
मकान का कब्जा ले चुके जागेश पाल ने कहा कि गरीब तबके के लोगों के लिए यह योजना बहुत ही अच्छी है. कम से कम गरीबों को आवास तो मिला है. उन्होंने कहा कि इससे पहले वो किराए पर रह रहे थे. अब मकान की किस्त जाएगी. किस्त पूरी हो जाने के बाद आवास उनका हो जाएगा. अब किराए के लिए कोई टोकेगा नहीं.
रोशनी देवी ने बताया कि यह आवास उनके नाम पर है. वह अपने बच्चों और पति के साथ यहां रह रही हैं. उन्होंने बताया कि वह यहां पिछले कई सालों से रह रहीं थीं लेकिन अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें आवास मिला है. इस वजह से उन्हें काफी राहत मिली है.
ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर देखा कि पूर्व में जो स्थिति पाई गई थी, उसमें काफी सुधार देखने को मिला है. हालांकि, अभी भी कुछ लोगों द्वारा अपनी पहचान ना बताये जाने की शर्त पर बताया कि कई लोगों द्वारा ऊपर पहाड़ी जनपदों में या फिर देहरादून से बाहर आवास होने के बावजूद भी देहरादून में अपनी पत्नी के नाम पर आवेदन कर इस योजना का गलत तरीके से लाभ उठाया गया है.