देहरादून: लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी कई लोग अपने घर नहीं पहुंच पाए हैं. हालांकि, राहत की बात ये है कि इस दिशा में सरकार का प्रयास जारी है. इस कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने बिहार के प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने का प्रबंध कर दिया है. 19 और 20 मई को करीब 3500 मजदूरों की देहरादून रेलवे स्टेशन से बिहार के लिए रवानगी होगी. इन लोगों को 4 श्रमिक ट्रेन से उनके जिलों में भेजा जायेगा.
19 मई को दोपहर 1 बजे देहरादून रेलवे स्टेशन से बिहार के अररिया के लिए श्रमिकों को लेकर ट्रेन प्रस्थान करेगी. इसी दिन शाम 7 बजे दूसरी ट्रेन देहरादून रेलवे स्टेशन से बिहार के खगरिया जिला बेगूसराय के लिए प्रस्थान करेगी.
वहीं, 20 मई दोपहर 1 बजे देहरादून रेलवे स्टेशन से तीसरी ट्रेन मोतिहारी चंपारण के लिए निकलेगी. जबकि इसी दिन शाम 7 बजे देहरादून रेलवे स्टेशन से चौथी ट्रेन बिहार के किशनगंज डिस्ट्रिक्ट बेगूसराय के लिए निकलेगी.
अलग-अलग थाना चौकियों में रजिस्ट्रेशन किए गए बिहार के प्रवासियों को टोकन देकर ट्रेन से भेजा जाएगा. बिहार जाने वाले प्रवासियों को लेकर देहरादून पुलिस द्वारा व्यवस्थित बंदोबस्त किए गए हैं. रजिस्ट्रेशन किए गए श्रमिकों को सैनेटाइज, मास्क देकर और मेडिकल चेकअप के बाद देहरादून स्टेशन से अपने गंतव्य के लिए भेजा जाएगा.
पढ़े: हल्द्वानीः स्कूल में नाबालिग को अकेले ही कर दिया क्वारंटाइन, बाहर से बंद किया ताला
देहरादून जिले में 35 हजार से अधिक श्रमिक बिहार से
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि लगभग जिले में 35000 से अधिक बिहार के प्रवासी हैं, जो घर जाना चाहते हैं. हालांकि अभी तक 7000 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन अलग-अलग थाना चौकी में किया जा चुका है. पहले चरण में सभी तरह की मेडिकल औपचारिकताएं पूरी कर लगभग 3500 श्रमिकों को चार ट्रेनों से उनके घर भेजा जाएगा.
डीआईजी जोशी ने बताया कि किसी तरह की कोई अफरा-तफरी न हो, इसके लिए पुलिस लाइन के समीप बन्नू स्कूल में रजिस्ट्रेशन किए गए श्रमिकों का मेडिकल चेकअप व अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी. इसके बाद व्यवस्थित ढंग से उन्हें रेलवे स्टेशन पहुंचाया जायेगा, जहां से वे अपने घरों के लिए निकलेंगे.
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि भले ही लॉकडाउन में रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे श्रमिक घर जाने के लिए व्याकुल हैं. लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से देहरादून जिले में काम करने वाले हजारों श्रमिकों से अपील की जा रही है कि वह धैर्य बनाए रखें ताकि पुलिस प्रशासन की ओर से आगे भी उन्हें हर तरह की संभव मदद दी जा सके.