देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना की चपेट से कोई भी वर्ग अछूता नहीं है. वहीं, उत्तराखंड डेंटिस्ट एसोसिएशन में मौजूद 350 से ज्यादा डेंटिस्ट ने राज्य सरकार से अपील की है कि इस समय कम पड़ रहे मानव संसाधन के चलते उनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
उत्तराखंड डेंटिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. ज्योति चौहान ने बताया कि इस वक्त पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है और उत्तराखंड में भी कोरोना का कहर जारी है. उन्होंने कहा कि इस वक्त उत्तराखंड में डॉक्टरों की भारी कमी है. जिसमें से भी कई डॉक्टर कोरोना की चपेट में है. डेंटिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि आईसीएमआर ने कोविड ट्रीटमेंट के प्रोटोकॉल के तहत डेंटिस्ट को भी रखा है. इस वक्त राज्य सरकार को उत्तराखंड में मौजूद डेंटिस्ट को भी कोरोना इलाज में सम्मिलित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस विषम परिस्थिति में डेंटल सर्जन की सेवाएं ली जानी चाहिए. सरकार को बेरोजगार बैठे डॉक्टरों से इस वक्त काम लेने की जरूरत है.
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स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने डेंटिस्टों के इस्तेमाल के इस सुझाव को बेहद उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि इस संबध में सरकार में बातचीत चल रही है और जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा. अमित नेगी ने बताया कि मानव संसाधन की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा एक वरिष्ठ अधिकारी आईएएस डी सेंथिल पांडियन को तैनात किया गया है, जो कि मानव संसाधन की व्यवस्था के लिए सभी संभावनओं पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मानव संसाधन बढ़ाने के लिए रिटायर्ड डॉक्टर के अलावा उपनल से नर्स, फार्मासिस्ट और आउट सोर्स एजेंसियों से बातचीत चल रही है.