देहरादून/बागेश्वरः प्रदेशभर में अपनी मांगों को लेकर विभिन्न विभागों के करीब 35 हजार से ज्यादा मिनिस्टीरियल कर्मचारी सोमवार को 2 घंटे के कार्य बहिष्कार पर रहे. कर्मचारियों का कहना है कि उनका यह कार्य बहिष्कार 8 अप्रैल तक ऐसे ही जारी रहेगा.
उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी का कहना है कि आगामी 8 अप्रैल तक अपनी मांगों को लेकर सभी कर्मचारी 2 घंटे के कार्य बहिष्कार पर रहेंगे. 8 अप्रैल को इसी दिन कोर कमेटी की बैठक का आयोजन किया जाएगा. बैठक में आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी. इसके साथ ही 12 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना और प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद कर्मियों की मांगों के निस्तारण को लेकर 13 अप्रैल को प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर निर्णय लिया जाएगा.
सुनील दत्त कोठारी ने कहा कि शासन स्तर पर कर्मचारियों की बहुत सारी मांगें लंबित पड़ी हुई हैं. लेकिन उनकी मांगों का समाधान नहीं हो पा रहा है.
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उधर बागेश्वर में भी एसीपी का लाभ बंद करने और दिए गए लाभ की वसूली करने को लेकर मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों ने नाराजगी जताई. आक्रोशित कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर किया कार्य बहिष्कार किया. उन्होंने सरकार से सभी 21 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए कहा है. वहीं मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है.
ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- उत्तराखंड शासन वित्त विभाग-7 के शासनादेश द्वारा मिनिस्टीरियल संवर्ग को पूर्व में मिल रही एसीपी/एमएसीपी के लाभ को बंद करने तथा दिए गए लाभ की वसूली करने के नियम विरुद्ध आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए.
- कनिष्ठ सहायक के पद पर भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर ग्रेजुएट तथा अनिवार्यता में एक साल कंप्यूटर डिप्लोमा निर्धारित किया जाए.
- अहरकारी सेवा में थिथलीकरण की व्यवस्था तत्काल बहाल की जाए.
- मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित न्यूनतम सेवा अवधि 25 साल से घटाकर 22 साल की जाए.
- मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद की गरिमा के अनुरूप उसके कर्तव्य एवं दायित्व तत्काल निर्धारित किए जाए
- अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों को अंशदाई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए.
- स्थानांतरण अधिनियम 2017 में संगठन की मांग के अनुरूप विसंगतियों का तत्काल निस्तारण किया जाए.