देहरादून: आईएमए देहरादून का 88 साल का गौरवपूर्ण इतिहास जवानों का सीना गर्व से चौड़ा कर देता है. भारतीय सेना के साथ आईएमए मित्र देशों की सेना को भी अधिकारी देता है. 12 दिसंबर को इंडियन मिलिट्री एकेडमी के इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया है. जेंटलमैन कैडेट के रूप में अपना अंतिम पग रखने के साथ ही अफसर के तौर पर 'पहला कदम' लेते ही आज 325 सैन्य अफसर देश की सेवा के लिये समर्पित हो गए.
आत्मविश्वास से लबरेज ये युवा जेंटलमैन कैडेट्स हाड़ कंपा देने वाली ट्रेनिंग को पूरा कर चट्टान से मजबूत इरादों के साथ आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. इस बार भी इन युवा जेंटलमैन कैडेट्स ने अंतिम पग के साथ अधिकारी बनने के पहले कदम से शुरुआत की, जिसकी खुशी साफ तौर से इनके चेहरे पर देखी जा सकती थी. अफसर के तौर पर अपना 'पहला कदम' पार करते ही इन युवा अधिकारियों की खुशी देखने लायक थी. बता दें कि 13 जून 2020 को आयोजित पासिंग आउट परेड में पहली बार जवानों ने अफसर के तौर पर 'पहला कदम' उठाया था.
परेड संपन्न होने के बाद पीपींग सेरेमनी आयोजित की गई थी. आईएमए की कठिन ट्रेनिंग के बाद ये सबसे भावुक करने वाला पल रहा, जिसमें परिवारजनों ने गर्व से अपने बच्चों की वर्दी पर रैंक लगाए. पीपींग सेरेमनी के बाद सभी जवानों ने सैन्य अफसर के तौर पर अपना पहला कदम पार किया. इस दौरान जवानों का जोश और जज्बा देखने लायक रहा.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सेना के इन नये शूरवीरों ने बेहद खुशी से साथ अपनी जिम्मेदारियों को लेकर भी खुलकर बात की. देश सेवा और नई चुनौतियों को आगे बढ़ने का मानक बताते हुए इन युवा सैन्य अधिकारियों ने एक बार फिर से अपने जज्बे का परिचय दिया. इन सभी अफसरों ने अपने मजबूत इरादों को साफ करते हुए आज सेना में पहला कदम बढ़ाया. सभी ने इस दौरान पुशअप कर अपनी खुशी का इजहार किया.
आईएमए के कैडेट्स चैटवुड बिल्डिंग से अंतिम पग निकालते हुए अपने करियर के पहले कदम पर चढ़े. अंतिम पग के साथ ही पासआउट अधिकारियों को उनके रेजिमेंट में तैनाती दे दी गई है.