देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड के बाद शनिवार को 306 कैडेट बतौर अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. पासिंग आउट परेड के बाद पिपिंग सेरेमनी (कंधों पर स्टार लगाने का समय) होती है. इस दौरान आईएमए के सोमनाथ स्टेडियम में एकेडमी के वरिष्ठ अधिकारी और चारों धर्मों (हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाई) के गुरू नए लेफ्टिनेंटों को देश सेवा और सुरक्षा की शपथ दिलाते हैं.
ईटीवी भारत के संवाददाता ने पिपिंग सेरेमनी के बाद चारों धार्मों के धर्म गुरुओं से बात की तो सभी ने एक बात कही कि राष्ट्र की एकता और अखंडता सभी धर्म और जाति से ऊपर है. आपसी भाईचारा और प्रेम भावना से बड़ा कोई धर्म नहीं है.
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साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीय सेना धर्मनिरपेक्षता के मार्ग पर चलती है. सिख धर्म गुरू ने कहा कि भारतीय सेना में ऊंच-नीच का कोई मतलब नहीं होता है. चारों धर्म गुरू भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि जो कैडेट आज यहां से पास आउट हुए हैं वो अपने देश का नाम रोशन करें. हिंदू धर्म गुरू ने बताया कि चारों धर्म गुरुओं के शपथ दिलाने का उद्देश्य यही होता है कि राष्ट्र सुरक्षा सबसे बड़ा धर्म होता है. यानी राष्ट्र ही सर्व प्रथम है.