देहरादूनः उत्तराखंड की सड़कों पर 25 हजार आवारा गोवंश हैं. यह गोवंश की दुर्दशा का एक बड़ा प्रमाण है और इसे उत्तराखंड का पशुपालन विभाग भी मान रहा है. खास बात ये है कि सनातन और हिंदू धर्म में बेहद पूज्यनीय और सम्मान के साथ देखे जाने वाली गौ माता की दुर्दशा देवभूमि उत्तराखंड में देखने को मिल रही है. ये गोवंश आए दिन किसी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं या फिर सड़कों पर बुरी हालत में मौजूद हैं.
पशुपालन विभाग के सर्वे के मुताबिक, उत्तराखंड की सड़कों पर आवारा 25 हजार गोवंश हैं. पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि सड़कों पर आवारा गोवंश घूम रहे हैं. यह गोवंश प्रदेश के लिए एक बड़ी समस्या है. यह केवल गौ माता के लिए ही नहीं, बल्कि किसानों के लिए और लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद गंभीर विषय है. इन आवारा गोवंश के विषय को सुधारने के लिए पशुपालन मंत्री ने सरकार की योजनाओं की जानकारी भी दी.
प्रति गोवंश बढ़ाई गई राशि: सौरभ बहुगुणा ने बताया कि सरकार द्वारा प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया है कि जो भी सरकारी भूमि खाली पड़ी है या फिर इस्तेमाल में नहीं आ रही है, उन्हें गौशाला के रूप में प्रयोग किया जा सके. मंत्री बहुगुणा ने बताया कि उत्तराखंड पहला राज्य है जहां गौशालाओं को प्रतिदिन प्रति गोवंश भरण पोषण के लिए 4.75 रुपए की धनराशि को बढ़ाकर 80 रुपए कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि खटीमा में मॉडल गौशाला तैयार की जा रही है. इसका जिम्मा एक समाजसेवी संस्था को दिया गया है. यह गौशाला तकरीबन 7 एकड़ जमीन पर बनाई जा रही है.
सरकार-समाजसेवी संस्थाएं कर रही गोवंश के लिए काम: इस गौशाला में पिछले कुछ ही दिनों में कई आवारा पशुओं को लाया गया है. इसके अलावा चमोली में भी तीन गौशालाएं अलोट की गई हैं. उधमसिंह नगर में दो गौशाला अलॉट की गई है. पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना है कि उनका और उनकी सरकार का यह प्रयास है कि सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं को इन गौशाला में रखा जाए और इनका भरण पोषण सरकार और समाजसेवी संस्थाएं मिलकर करें.
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बंदरों के पकड़ने के लिए मथूरा से आई टीम: पहाड़ी इलाकों में गुलदार के आतंक के बाद अब बंदरों के आतंक से भी लोग घबराए व परेशान हैं. हालात ये है कि पहले खेती को बर्बाद करने वाले बंदर अब लोगों पर भी हमला करने से बाज नहीं आ रहे हैं. बंदरों के झुंड लोगों पर हमला कर रहे हैं. लोगों में बंदरों के प्रति खासा डर बैठ गया है. स्कूल जाते बच्चों पर भी बंदर हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं. ऐसे में पौड़ी में वन विभाग बंदरों को पकड़ने में सक्रिय हो गई है.
1200 बंदरों को पकड़ा: पौड़ी वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा से टीम को बुलाया है. यह टीम जनपद के विभिन्न ब्लॉकों में जाकर बंदर को पकड़ने का काम कर रही है. डीएफओ गढ़वाल अनिरुद्ध स्वप्निल ने बताया कि पौड़ी में तीन माह के भीतर 2 हजार बंदरों को पकड़ने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक 1200 बंदरों को पकड़ा जा चुका है. जल्द ही 800 बंदरों को भी पकड़कर लक्ष्य पूरा किया जाएगा.
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