देहरादून: लॉकडाउन के नौंवे दिन राज्य में सुखद बात यह है कि फिलहाल कोई भी पॉजिटिव केस बीते 72 घंटे से नहीं आया है. लिहाजा ऐसे में अब राज्य सरकार लॉकडाउन की तैयारियों को नए सिरे से अमलीजामा पहनाने की तैयारी कर रही है. इस बीच राज्य सरकार के माथे पर इसलिए भी बल पड़ गया है. क्योंकि दिल्ली के निजामुद्दीन में जमात में शामिल हुए लोगों में कई लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. वहीं राज्य सरकार को दिल्ली पुलिस ने एक लिस्ट भेज कर बताया है कि इस जमात में लगभग 24 ऐसे लोग भी शामिल थे. जिनका ताल्लुक उत्तराखंड के हरिद्वार, देहरादून और उधम सिंह नगर से है.
ईटीवी भारत से बातचीत में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने जानकारी दी कि दिल्ली पुलिस से राज्य के गृह मंत्रालय को एक पत्र प्राप्त हुआ है. जिसमें इस बात का जिक्र का किया गया है कि इन जमाती लोगों में 24 लोग उत्तराखंड से भी ताल्लुक रखते हैं. अब राज्य का पुलिस महकमा उन लोगों की सूची तैयार कर रहा है. साथ ही यह जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिरकार कोई इन 24 व्यक्तियों में से दिल्ली से उत्तराखंड तो नहीं आया है.
इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने देहरादून एसएसपी को यह दिशा- निर्देश दिए हैं कि वह अपने जिले में इस बात की संघन चेकिंग अभियान चलाए. इतना ही नहीं हरिद्वार के पिरान कलियर और रुड़की जैसे इलाकों में भी ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है. मदन कौशिक की मानें तो यह बेहद गंभीर मामला है. लिहाजा, अगर कोई व्यक्ति ऐसा है तो वह बाहर निकल कर स्वयं अपनी जांच करवाएं. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अगर कोई व्यक्ति इस तलाशी अभियान में मिलता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा है कि लॉकडाउन के 6 घंटे राज्य सरकार ने दिया है, इस पर भी हर रोज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तमाम मंत्रियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो यह 6 घंटे का समय घटाकर इसको 1 या 2 घंटे का भी किया जाएगा. क्योंकि लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर लोग समान लेने के लिए बड़ी संख्या में निकल रहे हैं.
ये भी पढ़े: निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए 1033 लोग, 24 कोरोना पॉजिटिव
मदन कौशिक ने कहा कि एक तरफ कोरोना वायरस की महामारी पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखंड पर भी भारी पड़ रही है. यह प्रदेश के लिए बेहद संकट की घड़ी है. क्योंकि राज्य में अगले माह चारधाम यात्रा शुरू होनी है और इतना ही नहीं हरिद्वार में लगने वाला महाकुंभ भी साल 2021 में होना है. ऐसे में सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती होगी कि इन दोनों ही आयोजनों को कैसे सफलतापूर्वक संपन्न करवाया जाए. हालांकि अब राज्य सरकार के सामने यह भी चुनौती है कि कोरोना वायरस के चलते जिस तरह से लॉकडाउन किया जा रहा है तो स्वभाविक है यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं पर भी सरकार ब्रेक लगा सकती है.